रायपुर: साल भर लइका मन पढ़ई करथे फेर कोनो फर्जी तरीका ले टॉप करथे त पढ़इया लइक मन के मनोबल टूटथे। जांजगीर-चाम्पा जिला के बहुचर्चित पोराबाई प्रकरण म 12 साल बाद कोर्ट के फैसला आइस। चाम्पा के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनवाई करत हुए सबो 9 आरोपी ल बरी कर दिस। मामला उत्तरपुस्तिका ल फर्जी तरीका बदले अऊ 12 वीं बोर्ड म टॉप कराए के आरोप रहिस। 26 मई 2008 के बारहवीं बोर्ड के नतीजा म बिर्रा स्कूल के पोराबाई प्रदेश म टॉप करे रहिस। माध्यमिक शिक्षा मंडल के जांच म पोराबाई समेत 9 लोगन ऊपर FIR दर्ज करे गे रहिस। उहें मामला म पूर्व IAS BKS रे के बयान दिन। उन कहिन कि प्रकरण स्पष्ट फर्जीवाड़ा के रहिस।
मामला म भाजपा के कहना हे कि 2008 म हमर सरकार मामला के जांच कराए रहिस। उन कांग्रेस नेता मन ऊपर निसाना साधिन। साक्ष्य के अभाव ये फैसला आए हे। कांग्रेस ल न्यायालय ऊपर भरोसा नइ हे, उहें मंत्री रविंद्र चौबे कहिन कि चूंकि ये मामला म न्यायालय के फैसला आ चुके हे, अब टिप्पणी उचित नइ हे, फेर ये घलो सच हे कि फर्जीवाड़ा होए रहिस।
मामला म 12 बछर बाद फैसला आइस। सबो आरोपी बरी होइन, फेर मेहनत करइया लइका मन के संग का न्याय होइस। बीजेपी अऊ कांग्रेस एक-दूसर ऊपर आरोप लगात हें, का न्याय दिलाना कोनो एक पार्टी के काम हे? न्याय बर त सबो ल मिलके लड़ना चाही।
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