भोपाल। मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने सीएम कमलनाथ से मिलकर आदिवासियों के पट्टे की मांग की, पिछले 15 सालों से शिवराज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे लेकिन अपने क्षेत्र के आदिवासियों को पट्टे नहीं दिला पाए। उनके कार्यकाल में इन आदिवासियों की दुर्दशा हुई है।
पीसी शर्मा ने कहा कि शिवराज सरकार ने हजारों करोड़ रुपए का बजट आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए रखा था। लेकिन फिर भी वह जोड़ नहीं पाए, इसका क्या कारण था। जनसंपर्क मंत्री ने 2018 की इंटरनेशनल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अलीराजपुर में सबसे बुरी हालत है। अफ्रीका के इलाकों में जैसे आदिवासियों की स्थिति वैसे ही मध्यप्रदेश के अलीराजपुर में है। सहरिया जनजाति के लोग सबसे ज्यादा परेशानियों में जी रहे है। यह 2018 में आई अटल बिहारी वाजपेई संस्थान की रिपोर्ट है। बीजेपी के बड़े आदिवासी नेता नंदकुमार साय जनजाति आयोग के अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को समझ नहीं आया, उनकी सरकार में आदिवासियों पर अत्याचार हुए। उस पर कभी नहीं बोले, तब शिवराज को फिक्र नहीं हुई। अब सरपंच के लिखने पर आदिवासियों को पट्टा मिल जाएगा। सरकार का फैसला कोई सबूत और कोई प्रमाण की जरूरत नहीं। शिवराज के मुख्यमंत्री रहते हुए झाबुआ में लॉ कॉलेज बंद हो गया। शिवराज चाहते थे आदिवासी ज्यादा ना पढ़ पाएं और वकालत ना कर पाएं।
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शर्मा ने कहा कि झाबुआ के चुनाव के चलते शिवराज को आदिवासी की याद आ रही है। भोपाल में जुलूस निकालने की बजाये दिल्ली जाकर आदिवासियों की आवज बुलंद करें। मगरमच्छ के आंसू ना बहाएं। शिवराज ने अपने कार्यकाल में आदिवासियों के पट्टे निरस्त किए। हमारी सरकार आदिवासियों को भी पट्टे दिए जाएंगे। जिन साढ़े तीन लाख आदिवासियों के पट्टे निरस्त किए गए, उन्हें दोबारा दिए जाएंगे।