जबलपुर: चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश राज्य की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार करते हुए आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करने के चलते कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द कर दिया। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। वहीं, निर्वाचन आयोग की इस कार्रवाई को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का बड़ा बयान सामने आया है।
सांसद तन्खा ने ट्वीट कर लिखा है कि चुनाव आयोग द्वारा बिना कोई नोटिस दिए, प्रचार खत्म होने से 1 दिन पूर्व कमलनाथजी को स्टार प्रचारकों की सूची से हटाना पूर्णतः अलोकतांत्रिक है। हम चुनाव आयोग के इस आदेश के विरोध में लोकतंत्र की रक्षा हेतु सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
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इससे पहले निर्वाचन आयोग की इस कार्रवाई को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा था कि अब जनता फ़ैसला करेगी। मेरी आवाज को रोकने का, दबाने का प्रयास है। कांग्रेस की आवाज को कुचलने का प्रयास है। सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। जनता सच्चाई का साथ देगी।
गौरतलब है कि आयोग ने शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा, ‘‘…आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना करने को लेकर आयोग मध्य प्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।’’
आयोग ने कहा कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च पूरी तरह से उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।’
चुनाव आयोग द्वारा बिना कोई नोटिस दिए, प्रचार खत्म होने से 1दिन पूर्व कमलनाथजी को स्टार प्रचारकों की सूची से हटाना पूर्णतः अलोकतांत्रिक है। हम चुनाव आयोग के इस आदेश के विरोध में लोकतंत्र की रक्षा हेतु सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे ।@OfficeOfKNath @INCIndia @INCMP @digvijaya_28
— Vivek Tankha (@VTankha) October 30, 2020