रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही 28 दिसंबर सोमवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई, जिसके बाद 2386 करोड़ का अनुपूरक बजट सर्वसम्मति से पास किया गया। सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार को अनुपूरक बजट सहित अन्य कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया। विपक्ष के आरोपों पर सीएम भूपेश बघेल ने करारा जवाब दिया है।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हां हमने कर्ज लिया लेकिन किसानों के कर्ज पटाने के लिए, किसानों को 2500 रुपए समर्थन मूल्य देने के लिए। जबकि पिछली सरकार ने कर्ज लिया था मोबाइल बांटने के लिए, स्काई वॉक जैसे निर्माण के लिए। उनकी प्राथमिकता अलग थी, हमारी प्राथमिकता अलग है। इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम रमन सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि रमन सिंह गंगाजल की कसम की बात कह रहे थे। गंगाजल की कसम उनके ही दुष्प्रचार की वजह से खाई गई थी। नागपुर से हिटलर प्रथा बताई जाती है, ये उसी हिटलर की तरह है।
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विपक्ष के बारदाने की कमी के आरोपों पर जवाब देते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बारदाने की व्यवस्था पर सबसे अनुरोध कर सकते हमें कोई संकोच नहीं है। आप अफवाह फैलाते है कि हम व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। कोरोना काल में हमारी व्यवस्था और योजनाओं की केंद्र ने तारीफ की है। तारीफों के कई पत्र मैं दिखा सकता हूं। उन्होंने आगे कहा कि हम राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों को पैसा दे रहें। धान खरीदी केंद्र में किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं है। 90 लाख मीट्रिक धान हम निर्धारित समय तक आसानी से खरीद लेंगे। धान खरीदी को करीब 30 दिन हो गए हैं, अभी तक धान जमा करने की अनुमति केंद्र से नहीं मिली।
कोरोना से निपटने सरकार ने पूरे इंतजाम किया, इसमें सबकी इसमें भूमिका रही है। अब स्टेन की दस्तक हुई है, यूके से 91 लोग आए हैं। पहले ही रोक देते तो यहां लोग नहीं आते। अब उन्हें आईडेंटिफाई कर आइसोलेट करने की कोशिश हो रही है। हम छत्तीसगढ़िया हैं, और हमें छत्तीसगढ़िया होने पर अभिमान है, गेड़ी चढ़ना हमारी संस्कृति है। रमन सिंह को नरवा-गरवा-घुरवा-बारी योजना समझ में नहीं आ रही। सीएम बघेल ने आगे कहा कि आज हमने गोधन न्याय योजना का दसवां किस्त जारी किया है। अब तक 32 लाख क्विंटल गोबर हम खरीद और 64 करोड़ का भुगतान कर चुके हैं। योजना की जानकारी लेनी है तो उस गरीब आदमी से जाकर पूछें, जिसके पास न खेत है न जानवर। लेकिन गोबर बेचकर अपनी आमदनी कर रहा है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से लोग वर्मी कंपोस्ट बना रहे हैं, लोगों को आमदनी हो रही है। हमारी स्व सहायता समूह की महिला बहनों ने वर्मी कंपोस्ट खाद बेचने का एमओयू किया है। 16 रुपए की दर से वर्मी कंपोस्ट खाद बेचने का एमओयू किया है। आपको हो सकता है कि गोबर के गंध से परेशानी हो, लेकिन गोबर हमारे लिए पवित्र है। यह केवल भावनात्मक बात नहीं है। 2 लाख लोग गोबर बेचने के लिए पंजीयन करा चुके हैं, आगे संख्या और बढ़ने वाली है।