भोपाल: लोकतंत्र के चार स्तंभ हैं, सबको पता है अब ये इन स्तंभों में समन्यव हटा तो इमारत के कमजोर होकर ढहने में देर नहीं लगेगी। मध्यप्रदेश में हाल ही में कुछ ऐसा हुआ है जिसमें कार्यपालिका और विधायिका में टकराव नजर आ रहा है, जो चिंता की बात है। दरअसल,प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने जबलपुर कमिश्नर को पत्र लिखकर नरसिंहपुर कलेक्टर की शिकायत की है। प्रदेश के एक जिम्मेदार मंत्री का ये कहना कि जिले के कई अफसर अवैध रेत खनन में मिलीभगत कर इसे रोक पाने में नाकाम हैं। कई सवाल उठाता है, जाहिर है मंत्री का कमिश्नर को लिखा पत्र सामने आना और उसमें गंभीर आरोप लगाना। इसने विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका दे दिया है।
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नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी में पोकलेन मशीन एवं पनडुब्बी लगाकर रेत के अवैध उत्खनन के संबंध में समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी प्राप्त होने पर मेरे द्वारा कलेक्टर नरसिंहपुर को दिनांक 17 फरवरी 2021 को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे परंतु उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। ये उस पत्र की चंद लाईनें हैं जो कृषि मंत्री कमल पटेल ने जबलपुर के कमिश्नर को लिखा है। पत्र में कृषि मंत्री साफ लिख रहे हैं कि कलेक्टर को निर्देश देने के बावजूद कार्यवाही नहीं की जा रही है।
नर्मदा नदी में लगातार अवैध उत्खनन जारी है ताथा जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही अत: स्पष्ट है कि अवैध उत्खन जिला प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। …अत: अवैध उत्खनन को रोकने के लिए लिए जिला नरसिंहपुर के जिम्मेदार अधिकारियों, खनिज अधिकारी, खनिज निरीक्षक, एस डी एम एवं तहसीलदार और थाना प्रभारी के खिलाफ तत्काल अनुशासनिक कार्यवाही की जावे। बीजेपी सरकार के सक्रिय मंत्रियों में से एक कमल पटेल के इस पत्र बाद कई सवाल खड़े होने लगे हैं।
क्या नेताओं पर नौकरशाही हावी हो गई है? क्या मौजूदा सरकार में अधिकारी नहीं सुन रहे हैं मंत्रियों की बात? आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी मंत्री को कलेक्टर की शिकायत का पत्र कमिश्नर को लिखना पड़ा? पूरे जिले की सरकारी मशीनरी की खनिज माफिया से मिलीभगत का आरोप मंत्री ने किस आधार पर लगाया? क्या संबधित विभाग के मंत्री से बात करके मामले को नहीं सुलझा सकते थे मंत्री कमल पटेल? आखिर मंत्री का कमिश्नर को भेजा गया पत्र लीक कैसे हुआ? सवाल कई है लेकिन जवाब शायद नहीं। वैसे मंत्रिमंडल में कमल पटेल के सहयोगियों का कहना है कि पूरी सरकार की मंशा है कि अवैध रेत खनन रुकना चाहिए ।
पहले से ही महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेर रही कांग्रेस को कमल पटेल के पत्र से नई ताकत मिल गई है। सरकार पर सवाल उठाते हुए पार्टी का कहना है कि मौजूदा सरकार में माफिया के लिए मंत्री और कलेक्टर में लड़ाई हो रही है। वैसे अवैध उत्खनन को रोकने के लिए सरकार की तरफ से हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री हर कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस में अधिकारियों को चेता चुके हैं कि अवैध खनन रुकना चाहिए, लेकिन आखिर में एक और खबर जो ग्वालियर से है जहां एमपी सेल्स कॉर्पोरेशन नाम की निजी कंपनी ने कलेक्टर को पत्र लिखा है कि अवैध रेत खनन के कारण वो ठेका नहीं चला सकते इसलिए जमा राशि वापस की जाए।