अब इस शहर के 400 डॉक्टर्स ने दिया सामूहिक इस्तीफा, हाईकोर्ट के आदेश के बाद 330 डॉक्टरों ने दिया था त्यागपत्र | Now 400 doctors of this city have given mass resignation 330 doctors had resigned after the order of the High Court

अब इस शहर के 400 डॉक्टर्स ने दिया सामूहिक इस्तीफा, हाईकोर्ट के आदेश के बाद 330 डॉक्टरों ने दिया था त्यागपत्र

अब इस शहर के 400 डॉक्टर्स ने दिया सामूहिक इस्तीफा, हाईकोर्ट के आदेश के बाद 330 डॉक्टरों ने दिया था त्यागपत्र

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 PM IST
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Published Date: June 3, 2021 12:50 pm IST

जबलपुर। हाईकोर्ट के हड़ताल को अवैध करार दिए जाने के बाद जबलपुर में 400 जूनियर डॉक्टर्स ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। जूनियर डॉक्टर्स ने मेडिकल कॉलेज के डीन को सामूहिक इस्तीफ़ा सौंप दिया है।

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जूनियर डॉक्टर्स ने राज्य सरकार से आगे बढ़कर बात करने की मांग की है। स्टायफंड बढ़ाने सहित सभी मांगों पर बात की मांग जूनियर डॉक्टर्स ने की है।

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इससे पहले ग्वालियर में जूनियर डॉक्टर हाईकोर्ट के फैसले से नाराज सैकड़ों डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया था।  जूनियर डॉक्टरों ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन को इस्तीफा सौंपने की बात कही थी।

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वहीं हाईकोर्ट का आदेश आते ही ग्वालियर के 330 जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है।

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इससे पहले जूनियर डॉक्टर्स की प्रदेशव्यापी हड़ताल के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला करते हुए हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। HC में लंच के बाद फिर शुरू हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स का पक्ष सुना, और जूडा को HC ने विकल्प दिया कि सरकार के आश्वासन पर तत्काल कोविड ड्यूटी बहाल करें। 

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HC ने जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल अवैध घोषित करते हुए कहा कि 24 घण्टे में काम पर लौटें, काम पर न लौटें जूडा तो राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करे, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मोहम्मद रफ़ीक ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोनाकाल में हड़ताल ब्लैकमेलिंग की तरह है, डॉक्टर्स ने अपनी शपथ भुलाई लेकिन हम अपनी शपथ नहीं भूले हैं।

इसके पहले आज जबलपुर हाईकोर्ट में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ HC में लंबित याचिका पर सुनवाई शुरू हुई, याचिकाकर्ता ने जूडा की फिर हड़ताल के ख़िलाफ़ अंतरिम आवेदन दायर किया था, डॉक्टर्स की हड़ताल के खिलाफ शैलेन्द्र सिंह की जनहित याचिका लंबित है, साल 2014 और 2018 में HC जूडा की हड़ताल को गलत बता चुका था। 

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राज्य सरकार ने HC में दलील देते हुए कहा कि सरकार जूडा के परिजनों के मुफ्त इलाज की मांग मानने तैयार है, मानदेय बढाने के नाम पर हड़ताल करना उचित नहीं है, कोरोनाकाल में ब्लैकमेलिंग न करें जूनियर डॉक्टर्स, सभी पक्षों को सुनने के बाद अहम आदेश HC ने जारी किया है, चीफ जस्टिस की डिवीज़न बैंच मामले पर सुनवाई कर रही थी, कोरोनाकाल में जूडा की हड़ताल के ख़िलाफ़ अंतरिम आवेदन लगाया गया था। 

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इधर इंदौर में जूडा की हड़ताल को मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने भी समर्थन दिया था, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन को ज्ञापन सौंपकर एसोसिएशन ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, प्रतिदिन काली पट्टी बांधकर 2 घंटे कामबंद करेंगे।  

 
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