सुकमा: डब्बाकोंटा इलाके में हुए पुलिस-नक्सली मुठभेड़ दो नक्सलियों के मारे जाने के बाद बौखलाए नक्सलियों ने दो ग्रामीणों को पुलिस का मुखबिर बताकर मौत के घाट उतार दिया। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के बाद दोनों ग्रामीणों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। इसके बाद जनअदालत लगाकर उनकी हत्या कर दी। घटना दो दिन पहले की बताई जा रही है। एसपी सलभी सिन्हा ने इस घटना की पुष्टी की है।
मिली जानकारी के अनुसार लगभग एक सप्ताह पहले नक्सलियों ने डब्बाकोंटा निवासी माड़वी रोहीत और माड़वी लच्छा को अगवा कर लिया था। नक्सलियों का आरोप था कि दोनों ग्रामीणों ने डब्बाकोंटा में हुए मुठभेड़ से पहले पुलिस जवानों को नक्सली मुवमेंट की जानकारी दी थी। अपहरण के एक सप्ताह बाद नक्सलियों ने दो दिन पहले दोनों ग्रामीणों को जनअदालत लगाकर मौत के घाट उतार दिया।
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सोनी सोढ़ी और बेला भाटिया पर लगा गंभीर आरोप
ग्रामीणों की हत्या को लेकर नक्सल विरोधी और सामाजिक कार्यकर्ता फ़ारूख अली ने नक्सलियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आदिवासियों के हितैषी बनने वाले नक्सलियों की क्या यही सच्चाई है कि वे निर्दोष ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दें। मामले को लेकर फारूख ने सर्व आदिवासी समाज से आग्रह किया है कि वे खुलकर नक्सलियों को विरोध करें।
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वहीं, फ़ारूख अली ने सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया और आम आदमी पार्टी की नेत्री सोनी सोढ़ी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जब किसी नक्सली को पुलिस के जवान मार गिराते हैं तो ये दोनों उन्हें ग्रामीण बताकर पुलिस का विरोध करने पहुंच जाते हैं। लेकिन जब नक्सली किसी ग्रामीण की हत्या करते हैं तो इनके कानों में जूं तक नहीं रेंगती। कहां है ये लोग, किसी आदिवासी की हत्या का मामला।
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