भोपाल: प्रदेश की सत्ता संभालने के करीब 9 महीने बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को तीसरी बार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। इसमें सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट का मंत्री बनना तय हो चुका है और विभाग भी पूर्व के ही दिए जाएंगे। लेकिन शेष चार पदों पर शपथ को लेकर अभी भी स्थिति साफ नहीं हो पाई है। कुल मिलाकर तमाम माथापच्ची के बाद पुराने मंत्रियों को ही शपथ दिलाया जा रहा है। ऐसे में सवाल है कि शिवराज कुनबे के विस्तार के लिए और कितना इंतजार करना पड़ेगा?
कांग्रेस सरकार गिराने के बाद पांच सदस्यीय मंत्री समूह में शामिल रहे सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट रविवार को होने जा रहे मंत्रीमंडल विस्तार में शपथ लेने जा रहे हैं। राजभवन में दोपहर में होने जा रहे शपथ ग्रहण समारोह में दोनों का शपथ लेना तय हो गया है। कांग्रेस सरकार के तख्तापलट के बाद 21 अप्रैल 2020 को दोनों मंत्री बने थे, लेकिन छह माह पूरे होते ही उपचुनाव के दौरान 21 अक्टूबर को दो को इस्तीफा देना पड़ा था। उपचुनाव में दोनों की जीत हुई तब से लेकर ये मंत्रिमंडल में शामिल होने की आस लगाए बैठे थे। अब जब मंत्रिमंडल विस्तार तय हुआ, तो सिर्फ इन्हीं दोनों नेताओं का नाम तय हुआ। सूत्रों की मानें तो तुलसी सिलावट को जल संसाधन और गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन और राजस्व विभाग मिलना तय माना जा रहा है। शिवराज सरकार में आने पर दोनों मंत्रियों को यही विभाग सौंपे गए थे। हालांकि संगठन का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तर सीएम का विशेषाधिकार है।
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उपचुनाव के परिणाम 10 नवंबर को आए थे, तब से ही शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार किया जा रहा था। इन दो मंत्रियों के बाद अब शिवराज मंत्रिमंडल में चार और मंत्री बनाए जा सकते हैं… इन चार पदों की दौड़ में संजय पाठक, राजेंद्र शुक्ला, अजय विश्नोई, रामपाल सिंह, विधायक रमेश मेंदोला, हरिशंकर खटीक, सीतासरण शर्मा, केदार शुक्ला, गिरीश गौतम के नाम शामिल हैं। वहीं उपचुनाव में मंत्री रहते हुए सिंधिया समर्थक इमरती देवी, एंदल सिंह कंषाना और गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए थे। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से रक्षा सिरोनिया और कमलेश जाटव के नाम भी शामिल हैं। लेकिन इस बार के विस्तार में भी चार पदों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया। वहीं विपक्ष को भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर निशाना साधने का मौका मिल गया है। कांग्रेस के नेताओँ का कहना है बीजेपी गुटीय समीकरण को लेकर उलझ गई है।
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें बीजेपी के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव के बीते दिनों हुए दो दिवसीय प्रवास के साथ ही तेज हो गई थीं। सिंधिया से किए गए कमिटमेंट को पूरा करना बीजेपी संगठन ने तय किया था। यही कारण है कि सिंधिया समर्थक विधायकों को मंत्री बनाने के लिए ही शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है।