भोपालः पूरे 272 दिन पहले मध्यप्रदेश मे सबसे बड़ी सियासी उठापटक हुई। सिंधिया के पाला बदलने से कमलनाथ की सरकार गिरी और बीजेपी ने सत्ता हासिल की, लेकिन क्या आप यकीन करेंगे कि मध्यप्रदेश में सरकार गिराने के पीछे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय खुद इसकी पुष्टि कर रहे हैं वो भी हजारों कार्यकर्ताओं के सामने जाहिर है विजयवर्गीय के इस बयान के बाद सियासत शुरु हो गई है। मंच पर मौजूद रहे मंत्री नरोत्तम मिश्रा इसे हास्य में दिया बयान बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पूरे घटनाक्रम को सियासी साजिश कह रही है। अब सवाल ये है कि ये बयान मजाक है या सच्चाई? आज तक किसी को नहीं बताया, पहली बार बता रहा हूं कि कमलनाथ जी की सरकार गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका किसी की थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं थी।
45 साल का राजनैतिक करियर….6 बार विधायक…1 बार महापौर और अब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद मध्यप्रदेश में सियासत तेज हो गई है। जाहिर है सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या ये सोचा समझा बयान है या मजाक? यदि ये बयान सही है तो बीजेपी ने एक चुनी सरकार को क्यों गिराया? क्या प्रधानमंत्री जैसी शख्सियत एक प्रदेश की सरकार गिराने में शामिल हो सकती है? आखिर बीजेपी में सरकार बनाने की इतनी बैचेनी क्यों थी? क्या सिर्फ सत्ता हासिल करना ही बीजेपी का आखिरी लक्ष्य है? वैसे बीजेपी के नेता इस हास्य-विनोद में दिया बयान बता कर मामले को हल्का करने की कोशिश कर रहे हैं।
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कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने कांग्रेस को बैठे बैठाए एक मुद्दा दे दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की चुनी हुई संवैधानिक सरकार को असंवैधानिक तरीके से गिराया है। राज्यसभा सांसद दिग्वजिय सिंह ने ट्विटर के जरिए मोदी से जवाब भी मांगा है। क्या मोदी जी अब बताएंगे कि मध्यप्रदेश सरकार गिराने में उनका हाथ था ? क्या मध्यप्रदेश की सरकार गिराने के लिए कोरोना के लॉकडाउन करने में विलंब किया ? यह बहुत ही गंभीर आरोप हैं मोदी जी जवाब दें। दरअसल कांग्रेस शुरु से आरोप लगाती रही है कि मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के लिए मोदी सरकार ने देश में लॉकडाउन लगाने में देरी की।
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब बीजेपी नेता की तरफ से कांग्रेस की सरकार गिराने को लेकर इस तरह का बयान दिया गया। जून में मुख्यमंत्री का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कांग्रेस सरकार को गिराने की रणनीति केंद्रीय नेतृत्व ने तैयार की थी। अब विजयवर्गीय के बयान के बाद सवाल है कि ये मजाक है या सच्चाई?