भोपाल: प्रदेश में पिछले 15 साल तक कुशल प्रशासन का दावा करने वाली शिवराज सिंह सरकार की पोल एक के बाद एक खुलते जा रहे हैं। अब नहरों और सिंचाई के ठेकों को लेकर सरकार ने जांच करवाने का फैसला लिया है। शिवराज सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान नहरों और सिंचाई के ठेकों को 10 फिसदी कम रेट पर दिए जाने को लेकर सरकार जांच करवा रही है। अब मैदानी निरीक्षण करके कामों और भुगतानों की स्थिति देखी जाएगी। इसके अलावा दस करोड़ रुपए तक के ठेकों की भी जांच की जा रही है। इसमें जहां आर्थिक गड़बडिय़ां हुई थीं, उन मामलों को भी देखा जा रहा है।
Read More: राज्यपाल के पास नहीं होगा कुलपति चयन का अधिकार, शीतकालीन सत्र में पेश होगा संशोधन विधेयक
दरअसल, तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान सिंचाई परियोजनाओं में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। इसके बाद शिवराज सिंह सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। लेकिन कुछ समय बाद जांच कार्रवाई में ढील दे दी गई। लेकिन अब वर्तमान सरकार ने एक बार फिर जांच कार्रवाई शुरू कर दी है।
बता दे कि हर निर्माण कार्य या परियोजना के टेंडर के लिए सरकार की ओर से बेस रेट तय किया जाता है। इसी के आधार पर निलामी की प्रक्रिया पूरी की जाती है। लेकिन पिछले 15 साल में सैकड़ों ऐसे ठेके हुए हैं, जिनमें ठेकेदारों को अनुमानित लागत से 10 फिसदी कम कीमत पर टेंडर दे दिया गया है। कमलनाथ सरकार ने समीक्षा में पाया है कि इन ठेकों के काम और भुगतान का ब्योरा फाइलों में नहीं है।
Follow us on your favorite platform: