भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र मंगलवार यानी 17 दिसंबर से शुरू होने वाला है। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि सरकार इस सत्र में विधायकों की संपत्ति सार्वजनिक करने का संकल्प सदन में पेश करेगी। इस संबंध में संसदीय कार्य विभाग की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है। बता दें कांग्रेस ने वचन पत्र में विधायकों की संपत्ति सार्वजनिक करने घोषणा की थी।
गौरतलब है कि अभी तक मंत्रियों की चल-अचल संपत्ति की जानकारी सदन के पटल पर रखने का रिवाज रहा है। लेकिन विधायकों के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है। अब सरकार ऐसा संकल्प पेश करने जा रही है, जिसके तहत मंत्रियों के साथ-साथ विधायकों की संपत्ति भी सार्वजनिक की जाएगी।
बताया गया कि इस कार्य की शुरूआत बतौर मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा ने की थी। उन्होंने साल 1990 में विधानसभा के पटल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा पेश किया था। इसके बाद वर्ष 1993 में दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री बनने पर इसे जारी रखा। दो-दो साल छोड़कर 2003 तक यह सिलसिला चला।
वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी संपत्ति की जानकारी सदन के पटल पर रखी थी। इसके बाद 2010 में पहली बार उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने संपत्ति की जानकारी सार्वजनिक की। वर्ष 2013 तक लगातार चार वर्षों तक मंत्रिमंडल के सदस्य इसकी जानकारी देते रहे। इसके बाद यह सिलसिला थम गया। वर्ष 2015 में केवल जयंत मलैया और 2017 में सिर्फ गौरीशंकर बिसेन ने अपनी संपत्ति सार्वजनिक की।