रायपुर। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी अपनी राजनीति को एक नई दिशा देने पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि अगर ये प्रयोग सफल रहा तो लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी इस रणनीति को पूरे देश में लागू करेगी। प्रदेश दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि बीजेपी अब सकारात्मक राजनीति करेगी…और व्यक्तिगत हमले से बचेगी…
अब सवाल ये है कि..बीजेपी की इस नई रणनीति के पीछे वजह क्या है। मौजूदा दौर की पॉलिटिक्स में संभव हो पाएगा, सवाल ये भी कि मिशन 2023 की जंग में क्या ये प्लान कारगर साबित होगा…?
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छत्तीसगढ़ में अब आगामी विधानसभा चुनाव में ढाई साल का ही समय बचा है। लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल चुनावी तैयारियों में जुट गई है। संगठन को मजबूत करने नई-नई रणनीतियां अपनाई जा रही है। इसी रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी अब अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगी। प्रदेश दौरे पर आए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि कांग्रेसी अपशब्द बोल सकते हैं। हम केवल सेवा करेंगे और सरकार की खामियों को जनता के बीच उठाएंगे।
इस रणनीति के पीछे कहीं न कहीं कांग्रेस की पिछले लोकसभा की रणनीति है। जब प्रधानमंत्री मोदी पर चौकीदार चोर जैसे नारों के जरिए हमले किए। लेकिन कांग्रेस को फायदे की जगह नुकसान उठाना पड़ा…इसी से सबक लेते हए बीजेपी के राष्ट्रीय नेता पार्टी नेताओं को अब पॉजिटिव पॉलिटिक्स का पाठ पढ़ा रहे हैं। दुष्यंत कुमार का बयान सामने आने के कुछ सवाल जरूर उठ रहे हैं। मसलन पार्टी इस पर कितना अमल कर पाती है। क्या विपक्ष में रहकर सत्ता पक्ष के नेताओं के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करना कारगर नहीं है। सवाल ये भी कि क्या नकारात्मक राजनीति आने वाले समय में कोई फायदे की राजनीति होगी… ?
बहरहाल बीजेपी इस रणनीति पर कांग्रेस नेता रविंद्र चौबे Ravindra Choubey ने तंज कसते हुए कहा कि ढाई साल बाद बीजेपी कोई रचनात्मक कार्य करने के बारे में सोच रही है। चौबे ने बीजेपी नेताओं को सलाह दी कि सकारात्मक राजनीति करने का ये संदेश केंद्र में बैठी मोदी सरकार तक भी जाना चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ के विकास में कोई रुकावट ना हो।
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बीजेपी संगठन के आला नेता भले ही सकारात्मक राजनीति की बात कर रहे हों, लेकिन उसका सरकार की नाकामियों के खिलाफ सड़क पर उतरने का अभियान जारी रहेगा,वो तुलनात्मक रूप से मोदी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाएगी और जनता तो बताएगी राज्य सरकार ने जिन मोर्चे पर फेल हुई… उन्हीं मोर्चे पर मोदी सरकार ने क्या किया है..लेकिन बड़ा सवाल ये है कि बीजेपी की नई सोच उसके नेताओं के पुराने संस्कारों को कितना तोड़ पाती है..।