रायपुर: 2 नवंबर को होने वाली मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक को लेकर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए करारा प्रहार किया है। मंत्री चौबे ने कहा है कि केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ की धान खरीदी को प्रभावित करना चाहती है। हमारी सरकार 1 नवंबर को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ की तीसरी किस्त देने जा रहे हैं और इसी वित्तीय वर्ष में चौथी किश्त भी दी जाएगी। इस संबंध में 2 नवंबर को होने वाली मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक में फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार ने निर्देश जारी किया है कि जूट के बारदाने में ही धान की खरीदी की जाए। हमने प्लास्टिक के बारदाने में खरीदी की तैयारी कर ली थी। बारदाने की उपलब्धता को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी। धान खरीदी के लिए हमें 14 लाख गठान बारदाने की तत्काल जरूरत है, केंद्र सरकार अभी भी सकारात्मक रूप नहीं दिखा रही है।
1 नवम्बर से धान खरीदी की भाजपा मांग पर मंत्री चौबे ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा को तो धान खरीदी के बारे में बोलने का नैतिक अधिकार ही नहीं है। उन्होंने न तो बोनस दिया और न तो 2100 रुपए में धान खरीदा। हर चुनाव में भाजपा ने केवल जुमलेबाजी करके किसानों को छलते रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ सदा ही भेदभाव पूर्ण रवैया रहा है। पीडीएस और राइस मिल में भी सीमित बारदाने हैं जो आने शुरू हो चुके हैं। केंद्र से हमें जीएसटी के 4800 करोड़ रुपए लेना है। हमने धान खरीदी के लिए 800 नई समितियां भी गठित की है। इस सबको लेकर भी मंत्री मण्डल उप समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कर्मचारियों को कोरोना काल की प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने पर कहा सीएम भूपेश बघेल ने घोषणा की है कि 1 नवंबर को कुछ कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाएगा। मीडिया से बात करते हुए मंत्री चौबे ने भाजपा के खेत सत्याग्रह के बारे में कहा कि बीजेपी के 15 साल की हुकूमत में छत्तीसगढ़ के 19 हजार किसानों ने आत्महत्या की थी। उनमें से एक को भी मुआवजा दिया गया था क्या? रमन सिंह और भाजपा नेता पहले ये बताएं। हमसे ही मुआवजे की मांग करने के बजाए, पीएम मोदी से भी मांग करें कि उन किसानों को मुआवजा दिया जाए।