मुरैना। जिले के जहरीली शराब से तीन और लोगों की मौत हो गई। पांच गंभीर मरीजों का उपचार ग्वालियर में चल रहा था। इनमें से तीन की उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि की है। वहीं अब जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा बढ़कर 10 हो गया है। कुछ मरीजों का इलाज मुरैना जिला अस्पताल में चल रहा है। संभावना जताई जा रही है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है।
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पुलिस के अनुसार मौत अधिक शराब पीने से हुई या फिर जहरीली शराब पीने से। यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। गांव में पूछताछ की जा रही है कि किस-किस की तबीयत शराब पीने के बाद खराब हुई है। दूसरी इस घटना से यह पता चलता है कि मुरैना चंबल इलाके में अवैध शराब माफिया किस तरीके से अपना धंधा कर रहे हैं। वहीं पुलिस इन माफियाओं पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। ऐसा लग रहा मानो पुलिस शराब माफियाओं के सामने नतमस्तक है।
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जानकारी के अनुसार सबसे पहले बागचीनी थाना क्षेत्र के मानपुर पृथ्वी गांव में जहरीली शराब से जीतेंद्र यादव की हालत बिगड़ गई। स्वजन उसे गंभीर हालत में ग्वालियर इलाज के लिए ले जाने लगे। रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। जीतेंद्र का शव लेकर स्वजन गांव पहुंचे तब पता चला कि गांव में शराब पीने से ध्रुव यादव, सिरनाम, दीपेश, बृजकिशोर, दिलीप शाक्य, धर्मेंद्र यादव, राजकुमार यादव समेत अन्य की भी तबीयत बिगड़ गई है।
कुछ देर बाद ध्रुव यादव, दिलीप शाक्य और केदार यादव की भी मौत हो गई है। गांव वालों के मुताबिक इन्होंने ओपी केमिकल से बनी हुई शराब पी थी। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर देर रात पहुंची।
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जहरीली शराब से मौत की सूचना मिलते ही मुरैना में कोहराम मच गया। रात 11.30 बजे सुमावली थाना क्षेत्र के पावली गांव में 31 वर्षीय जीतेंद्र गुर्जर, 34 वर्षीय रामनिवास गुर्जर और एक अन्य युवक की मौत की सूचना पुलिस को मिली।
थाना प्रभारी ने बताया कि सभी लोग एक पार्टी में गए थे। यहां पर शराब के साथ चिकन भी परोसा गया था। जिसके बाद सभी की हालत गंभीर हो गईए सभी को जिला अस्पताल मुरैना लाया गया। उज्जैन की घटना के बाद मध्यप्रदेश में शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई तो शुरू हुई लेकिन सिर्फ कागजों में ही दब कर रह गई। अगर यह कार्रवाई मुरैना शहर से लगे हिस्से में अवैध शराब बिक रही थी और पुलिस सोती रही। अगर उज्जैन की घटना से सबक लिया गया होता तो शायद यह घटना न होती और लोगों की जान बच जाती।
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