मध्यप्रदेश बजट 2021: सदन की कार्यवाही कल रहेगी स्थगित, CM शिवराज के प्रस्ताव को विपक्ष ने किया समर्थन | Madhya Pradesh Budget 2021: House proceedings to be postponed tomorrow, opposition supported by CM Shivraj's proposal

मध्यप्रदेश बजट 2021: सदन की कार्यवाही कल रहेगी स्थगित, CM शिवराज के प्रस्ताव को विपक्ष ने किया समर्थन

मध्यप्रदेश बजट 2021: सदन की कार्यवाही कल रहेगी स्थगित, CM शिवराज के प्रस्ताव को विपक्ष ने किया समर्थन

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 PM IST
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Published Date: March 2, 2021 6:03 am IST

भोपाल। सदन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नंदकुमार सिंह चौहान के निधन पर दुख जताया। सीएम शिवराज ने कहा कि नंदकुमार सिंह चौहान जी अचानक हमे छोड़कर चले गए। लोकप्रिय नेता थे, 4 बार विधानसभा के सदस्य थे,6 बार सांसद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कल सदन की कार्यवाही स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया।

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सीएम ने कहा कि कल नंदकुमार सिंह चौहान का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम में होगा। अधिकतर सदस्य अंतिम संस्कार में जाना चाहते है। इसलिए कल सदन की कार्यवाही स्थगित रखने का अध्यक्ष से आग्रह किया। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भी नंदकुमार सिंह चौहान के निधन पर शोक व्यक्त किया। वहीं सीएम के कल के विधानसभा की कार्यवाही स्थगित रखने के प्रस्ताव को समर्थन किया।

नंदकुमार सिंह चौहान का राजनीतिक सफर

नंदकुमार सिंह चौहान का जन्म 8 सितंबर 1952 को शाहपुर में हुआ था, वो फिलहाल खंडवा से बीजेपी सांसद थे, सन 1978-80 और 1983-87 तक बुरहानपुर जिले के शाहपुर से नगर पालिका के अध्यक्ष रहे थे। इसके बाद 1985-96 तक लगातार 2 बार भाजपा के टिकट पर विजयी होकर मध्यप्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे थे।

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सन 1996 में 11वें लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें खंडवा क्षेत्र से सांसद उम्मीदवार बनाया था, जिसमे वें विजयी हुए थें लेकिन उनका कार्यकाल 1996-97 तक ही रहा क्योंकि तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने अपना त्यागपत्र दे दिया था। जिसके बाद 1998 के उपचुनाव में वो दूसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए थे।

यह कार्यकाल भी 1998-99 तक ही रहा जिसका मुख्य कारण वाजपेयी सरकार के समर्थक पार्टी का समर्थन वापस लेना था। सन् 1999 में 13वीं लोकसभा उपचुनाव में फिर से भाजपा ने खंडवा क्षेत्र से इन्हें उम्मीदवार बनाया जिसमें भी वे तीसरी बार विजयी हुए। जिसमें इनका कार्यकाल 2004 तक पूरा 5 साल चला।

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इसके बाद सन् 2004 मे 14वीं लोकसभा चुनाव मे वह चौथी बार फिर से खंडवा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए। फिर सन् 2009 के 15वी लोकसभा चुनाव मे उन्हें फिर से खंडवा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया लेकिन इस बार वे कांग्रेस प्रत्याशी अरूण यादव से चुनाव हार गए थे। जिसके बाद पार्टी ने उन्हें मध्यप्रदेश संगठन की जिम्मेदारी सौंप दी।

सन 2013 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव मे उन्हें हटाकर नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था। जिसके बाद उन्हें 16वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पुन: खंडवा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया और वो विजयी रहे। वहीं उन्हें मध्यप्रदेश भाजपा की कमान भी दे दी गई। सन् 2018 में उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से अपना इस्तीफा दे दिया था।

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