रायपुर: कुष्ठ रोगियों की सेवा करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित समाजसेवी दामोदर गणेश बापट को सोमवार को कुष्ट निवारण संघ ने श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने बापट के कार्यों को याद करते हुए कहा कि दामोदर गणेश बापट सिद्धांतों को जीवन का हिस्सा मानकर चलते थे। वे सिद्धांतों को बातों में ही नहीं बल्कि अपने जीवनपर्यंत पालन किया।
भैयाजी जोशी ने दामोदर गणेश बापट को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कुष्ट रोगियों को समाज में सम्मान दिलाने और सर उंचा करके जीने की एक नई राह दी। वे जीवनपर्यंत समाज एकात्मता के लिए काम करते रहे। बापट समाजके लिए समर्पित थे और वे हर बाधा में एक रास्ता देखते थे। उन्होंने कुष्ट रोगियों को सम्मान दिलाने के लिए स्वावलंबन का रास्ता अपनाया था।
इस अवसर पर संघ की सर कार्यवाहिका सुलभा ताई ने कहा कि दामोदर गणेश बापट ने लड़कियों की शिक्षा के लिए अहम योगदान दिया है। बिलासपुर स्थित तजस्विनी बालिका छात्रावास इन्हीं के कर्मों का नजीता है। इस दौरान उन्होंने बापट को एक गीत भी समर्पित की और सर संघसंचालिका प्रमिला ताई मेढ़े का श्रद्धांजलि संदेश सुनाया।
इस अवसर पर सक्षम के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री कमलेश ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बापट के जीवन का हर क्षण कुछ नया सीखाता है। उन्होंने ध्येय रखकर जीवन जिया है। कमलेश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत सहित अन्य लोगों का श्रद्धांजलि संदेश पढ़कर सुनाया।
गौरतलब है कि कुष्ठ रोगियों की सेवा करने के लिए पद्मश्री से सम्मानित समाजसेवी दामोदर गणेश बापट का 16 अगस्त देर रात निधन हो गया था। गणेश बापट लंबे समय से बीमार चल रहे थे। 87 वर्षीय दामोदर गणेश बापट ने रात 2.37 मिनट पर बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में आखिरी सांस ली थी।