जांजगीर: एक ओर जहां सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत गायों और अन्य पशुओं को संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं, दूसरी ओर आवारा जानवरों से किसान और ग्रामीण परेशान हैं। इसी बीच खबर आ रही है कि आवारा पशुओं से परेशान किसानों जानवरों को कलेक्ट्रट ले जा रहे थे। जानवरों को कलेक्ट्रेट ले जा रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। वहीं, 5 ग्रामीणों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस प्रशासन द्वारा किए लाठीचार्ज से कई किसानों को गंभीर चोट आई है।
बताया जा रहा है कि तिलई गांव के किसान मवेशियों की व्यवस्था करने की मांग को लेकर 200 जानवरों को लेकर कलेक्ट्रेट जा रहे थे। इसी दौरान प्रशासन ने पुटपुरा गांव के पास किसानों को रोक लिया और उन पर डंडे बरसाने लगे। तिलई और आस-पास के गांव वाले आवारा जानवरों से परेशान हैं।
किसानों का कहना है कि आवारा जानवरों से तिलई और आस-पास के गांव वाले परेशान हैं। आवारा पशु लगातार उनके फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। दिन में तो खेतों में रहकर रखवाली की जा सकती है, लेकिन रात में ये पशु फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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