भोपालः प्रशासनिक कसाबट के लिए सरकार मध्य प्रदेश में अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तैयारी कर रही है। सीएम कमलनाथ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि अक्षम अधिकारी-कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी जाए। उन्होंने ऐसे अफसरों को चिन्हित करने की जिम्मेदारी सीधे विभागों को सौंपी है।
सीएम ने कहा है कि विभाग ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों को चिन्हित करने के साथ उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे और इसके लिए सभी विभागों को तीन दिन का समय दिया गया है। सीएम ने कहा है कि सभी विभाग तीस दिन के अंदर इस संबंध में हुई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। बता दें 20 साल की नौकरी पूरी होने पर या 50 साल की उम्र पूरी होने पर शासकीय कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का प्रावधान है।
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गोरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में दौरान कई अधिकारियों को जीरो टॉलरेंस के तहत अनिवार्य सेवा निव्त्ति दे दिया था। वही, दूसरी ओर खबर यह भी है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी मोदी सरकार की नीति को अपनाते हुए अपने अधिनस्त काम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया है।
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