उज्जैन: शहर के सेवाधाम नाम के वृद्दाश्रम में एक ह्रदय विदारक घटना देखने को मिली, जब यहां आइपीएस बेटा अपनी मां को लेने पहुंचा। आईपीएस बेटा मां को देखकर भाव विभोर हो गया। वहीं मां ने जब बेटे से कहा की मुझे यहां क्यों छोड़ा, तो सभी की आँखों में आंसू आ गए और बेटे ने बगेर कुछ बोले मां को गले लगा लिया। हालांकि आश्रम संचालक ने कहा की विशेष परेशानी की वजह से आइपीएस अफसर अपनी मां को यहां छोड़ गया था। साथ ही माँ को भी उम्मीद थी कि उसका बेटा एक दिन उसे लेने जरुर आएगा और वही हुआ। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि एक आईपीएस बेटा अपनी मां को वृद्दाश्रम छोड़ जाएगा।
घटना उज्जैन से 14 किलोमीटर दूर अम्बोदिया गांव में स्थित सेवाधाम वृद्दाश्रम की है। इस आश्रम में करीब 250 से अधिक अनाथ बच्चे, युवा व वृद्ध रहते हैं। यहां तीन माह पहले 2004 बेच के गुजरात केडर के आइपीएस अविनाश महाकाल दर्शन करने आए और अपनी मां तारा जोशी को आश्रम में छोड़ गए। आइपीएस बेटे ने अपनी मां से कहा कि मै मुसीबत में हूँ इसलिए तुम्हे यहां छोड़ रहा हूँ और अपनी मां को आश्रम में छोड़कर चला गया। तीन माह तक तारा जोशी आश्रम में रहीं। यहां उन्हें तारा माँ के नाम से पुकारा जाता था।
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आईपीएस की मां तारा कवयित्री भी थी। इसलिए आश्रम के बच्चो को कविता सुनाकर खाना खिलाती थी। मां तारा ने आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल को अपने बेटे के बारे में बताया तभी से बेटे से संपर्क किया जा रहा था। इस बीच आईपीएस की मां को भी उम्मीद थी कि एक दिन उसका बेटा लेने जरुर आएगा।
तीन माह बाद मां को घर ले जाने आया आईपीएस बेटा
लगातार संपर्क करने के बाद आखिर वह दिन आ गया, जब आइपीएस बेटा अपनी मां को लेने आश्रम पहुंचा। तीन माह बाद जब बेटा आश्रम आया तो आश्रम के सदस्यों को बड़ा दुःख भी हो रहा था कि उनकी तारा मां अब उनके पास से जा रही है। सभी सदस्यों ने जिसमें बच्चे, बुडे व बड़े सभी शामिल थे मां को विदाई दी। बेटा भी मां से गले मिलकर रोने लगा और अंत में अपनी मां को लेकर घर चला गया।
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