रायपुर: प्रदेश में इन दिनों अवैध शराब पर सियासी संग्राम छिड़ा है। दो दिन पहले रायपुर के उरकुरा क्षेत्र में बड़ी मात्रा में अवैध शराब जब्त किया गया, जो दूसरे राज्यों से राजधानी पहुंची थी। मामला सामने आने के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में सरकार के सरंक्षण में अवैध शराब का कारोबार चल रहा है। विपक्ष ने इसके लिए कांग्रेस की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि आबकारी मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि आबकारी और पुलिस विभाग साथ मिलकर बेहतर काम कर रही है, उसी का नतीजा है कि शराब तस्कर पकड़े जा रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि जब राज्य की सीमा पर इतनी मुस्तैदी है, तो फिर दूसरे राज्यों की शराब राजधानी तक कैसे पहुंच रही है?
तस्वीरें राजधानी रायपुर के उरकुरा इलाके की है, जब 9 मार्च की रात करीब 11 बजे पुलिस ने दबिश देकर साढ़े पांच सौ पेटी अवैध शराब का जखीरा जब्त किया। राजधानी में इतने बड़े पैमाने पर बरामद अवैध शराब झारखंड, पंजाब और गोवा से लाई गई थी। पुलिस ने मौके से तिल्दा निवासी हेमन दास दक्खानी को गिरफ्तार कर आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया है। वहीं मामले में लापरवाही बरतने पर पहली बार आबकारी विभाग के दो अधिकारियों को अटैच किया गया है।
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जानकारों की माने तो बिना विभाग के अधिकारियो की मिलीभगत के बिना इतनी बडी खेप राजधानी में आना संभव नही है, लिहाजा पुलिस अब मामले की पतासाजी करने में जुट गई है। वहीं दूसरी तरफ अवैध शराब पर सियासत भी शुरू हो गई है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों और शराब माफिया को संरक्षण देने के कारण छ्तीसगढ़ अवैध शराब का गढ़ बन गया है। सरकार कुछ लोगों को पकड़कर दिखावा करती है, हकीकत तो ये है कि कांग्रेस सरकार ने पूरे प्रदेश को शराब की मंडी बना दी है।
हालांकि प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा विपक्ष के आरोपों से इत्तेफाक नहीं रखते। मंत्रीजी का दावा है कि विभाग के अधिकारी लगातार अच्छा काम कर रहे हैं, उसी का नतीजा है कि अवैध शराब पकड़े जा रहे हैं। विभागीय मंत्री के मुताबिक दूसरे राज्यों से आने वाले अवैध शराब को रोकने बॉर्डर पर चौकसी भी बढ़ा दी गई है।
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ये पहला मौका नहीं है जब प्रदेश में अवैध शराब पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो। आबकारी मंत्री जी छत्तीसगढ़ में अवैध शराब की तस्करी को बीजेपी की चाल बता चुके हैं, जिसे लेकर भी काफी बवाल मचा था। लेकिन प्रदेश में जिस तरह से दूसरे राज्यों से आने वाली अवैध शराब का जखीरा पकड़ा जा रहा है। बीजेपी एक बार फिर शराब के मुद्दे पर आक्रामक अंदाज में सरकार को घेरने में जुट गई है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि अवैध शराब पर शुरू हुआ ये सियासी संग्राम कहां जाकर थमेगा?