धार: राज्य शासन द्वारा जारी आदेशानुसार वन्य प्राणियों द्वारा मकान में पहुंचाई गई क्षति को भी प्राकृतिक प्रकोपों से होने वाली हानि की श्रेणी में शामिल किया गया है। विगत दिनों मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार प्राकृतिक प्रकोपो से होने वाली हानि के वर्तमान में प्रावधानित मानदंडों में संशोधन करते हुए अब किसी भी प्रकार के प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण या वन्य प्राणियों द्वारा मकान पूर्ण रूप से नष्ट किया गया हो अथवा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ हो तो उसे भी आर्थक अनुदान सहायता दी जा सकेगी।
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इसके साथ ही प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुघर्टना के साथ वन्य प्राणियों द्वारा पीड़ित परिवार के कपड़े, खाद्यान्एवं बर्तनों की हानि के लिए प्रति परिवार 5 हजार रूपये आर्थिक अनुदान के रूप में तथा 50 कि.ग्रा. खाद्यान्न (गेंहूँ/चावल) एवं पांच लीटर केरोसीन तात्कालिक सहायता के रूप में दिये जायेंगे। इसके साथ अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पोंस फंड) से राहत राशि व्यय में ऐसे मद भी शामिल किए गए हैं, जिनके विषय में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था।
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क्षतिग्रस्त फसल के लिए न्यूनतम मुआवजा 5 हजार
राज्य शासन द्वारा लिए आदेशानुसार प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसल के मामलों में अब देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो भी अनुदान सहायता नष्ट हुई फसल के मूल्य के बराबर देय होगी तथा प्रत्येक खाते हेतु सभी फसलों के मामले में देय राशि 5 हजार से कम नहीं होगी।
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