जबलपुर। सरकार ने हम दो- हमारे दो का नारा भले ही दिया है, लेकिन सरकारी नौकरी करने वाले हजारों लोगों ने इस संदेश को ही ठेंगा दिखा दिया है, यही वजह है कि आज भी केंद्र से लेकर राज्य सरकार के विभागों में बड़ी तादाद में ऐसे लोग ठाठ से सरकारी नौकरी कर रहे हैं जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं।
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विधानसभा में लगे एक सवाल को लेकर इन दिनों जबलपुर सहित प्रदेश के शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। विधानसभा में एक विधायक ने शिक्षा विभाग में 2 से ज्यादा संतान वाले शिक्षकों की पूरी जानकारी मांगी है। विधानसभा के इस सवाल का जवाब ढूंढने में शिक्षा विभाग के पसीने छूट रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारियों से अपने अपने अधीन आने वाले स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की जानकारी तलब की है।
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दरअसल विधानसभा में उठे सवाल के बाद शिक्षा विभाग ने 26 जनवरी 2001 के बाद पैदा हुई तीसरी संतानों से संबंधित सभी जानकारियां जुटाने की कवायद शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि जिले में ही सैकड़ों ऐसे शिक्षक हैं जिनकी 2 से ज्यादा संतानें हैं और वे बकायदा अभी भी सरकारी नौकरी कर रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा के मुताबिक शिक्षकों की दो से ज्यादा बच्चों की जानकारी आने के बाद शासन स्तर पर इस पर फैसला लिया जाएगा। उनकी मानें तो 2 से ज्यादा बच्चों वाले शिक्षकों को नौकरी से हटाने तक की कार्रवाई की जा सकती है। दो से ज्यादा संतानों वाले शिक्षकों की खोजबीन और उनकी जानकारी जुटाई जाने की सुगबुगाहट से शिक्षकों में खलबली मच गई है।