धर्मांतरण का जिन्न...सियासत बनाम हकीकत! आखिर सुकमा एसपी को पत्र लिखने की जरूरत क्यों पड़ी? | Genie of conversion... Politics vs Reality! After all, why was there a need to write a letter to Sukma SP?

धर्मांतरण का जिन्न…सियासत बनाम हकीकत! आखिर सुकमा एसपी को पत्र लिखने की जरूरत क्यों पड़ी?

धर्मांतरण का जिन्न...सियासत बनाम हकीकत! आखिर सुकमा एसपी को पत्र लिखने की जरूरत क्यों पड़ी?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : July 16, 2021/6:26 pm IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धर्मांतरण के मुद्दे पर घमासान मचा है। इस बार धर्मांतरण का जिन्न सुकमा एसपी सुनील शर्मा के एक लेटर के वायरल होने के बाद निकला है, जिसके बाद आरोप-प्रत्यारोप की सियासत तेज है। बीजेपी का दावा है कि सरकार के सरंक्षण में धर्मांतरण का खेल हो रहा है। जबकि सरकार ऐसी किसी भी स्थिति से इंकार कर रही है। अब सवाल ये है कि क्या धर्मांतरण के लिए आदिवासियों को टारगेट किया जा रहा है? आखिर सुकमा एसपी को पत्र लिखने की जरूरत क्यों पड़ी?

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छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाता जा रहा है। मुद्दे पर सियासी बयानबाजी के बीच बीजेपी से राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। दरअसल 12 जुलाईको सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने अपने अधीनस्थ अफसरों के लिए एक पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कई मिशनरियां जिले में बहला फुसलाकर आदिवासियों को धर्मांतरित कर रही हैं। इससे आदिवासियों के बीच ही टकराव की स्थिति पैदा हो रही है। कानून व्यवस्था ना बिगड़े इसका ध्यान रखें। लेटर वायरल होते ही सूबे में धर्मांतरण को लेकर जंग छिड़ गई है। बीजेपी लगातार सत्ताधारी कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी नेता आरोप लगा रहे हैं कि जब भी प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता रही है आदिवासी इलाकों में जबरन धर्मांतरण होता रहा है।

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हालांकि कांग्रेस इन आरोपों को खारिज कर रही है। बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि बस्तर में धर्मांतरण नहीं हो रहा है। वहीं मंत्री रविंद्र चौबे और टीएस सिंहदेव ने भी कहा कि लालच देकर बस्तर में धर्मांतरण की कहीं से कोई खबर नहीं है। एसपी को कहीं से कोई शिकायत मिली होगी तो उन्होंने पत्र जारी किया है।

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धर्मांतरण पर जारी संग्राम के बीच कांकेर में जन जाति सुरक्षा मंच ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से धर्मांतरण पर कानून बनाने की मांग कर दी। बहरहाल धर्मांतरण को आंकड़ों में समझा पाना या इसके सीधे सबूत पेश कर पाना आसान नहीं। आस्था बदलने का मुद्दा बेहद पेचीदा है। धर्मांतरण गिरोह इतनी सफाई से इस काम को अंजाम देते हैं कि सीधे किसी का हाथ पकड़ना आसान नहीं होता। अब सवाल ये है कि क्या छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण की खबर सच्ची है? क्या बस्तर में धर्मांतरण कराने वाले सक्रिय हैं? और अगर ये सच है तो अब क्या होगा सरकार का कदम ? 

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