रायपुरः देश के परिपेक्ष में बजट अच्छा है मोदी सरकार ने अपनी लोक लुभावनी योजनाओं को आगे बढ़ाया है। हर व्यक्ति को आवास और हर घर को पेयजल देने वाली योजना सराहनीय है, साथ में चुनौतीपूर्ण भी है। छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष में बजट बहुत अच्छा नहीं ह,ै छत्तीसगढ़ को इससे खास फायदा नहीं है। पूरे देश समेत छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या नक्सलवाद पर कोई योजना कोई फंड की घोषणा नहीं की गई, जोकि की किया जाना चाहिए थी। एफडीआई 100 प्रतिशत कर दिया गया है।
खदानों से भरे छत्तीसगढ़ राज्य में पहले हम अदानी का विरोध करते थे, लेकिन अब विदेशी कंपनी की घुसपैठ बढ़ेगी और हमें विदेशी कंपनियों का भी विरोध करना पड़ेगा। इस मामले में आदिवासियों को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। यह ठीक नहीं है। इसी तरह जीएसटी के मामले में छत्तीसगढ़ और अन्य उत्पादक राज्यों को बड़ा नुकसान होगा। अकेले छत्तीसगढ़ को 25 हजार करोड़ रुपए तक का नुकसान झेलना पड़ रहा ह,ै जबकि उपभोक्ता राज्यों को इससे फायदा होगा। एक ही नीति दो राज्यों में अलग तरह से असर करेगी। केंद्र सरकार ने कनेक्टिविटी की बात की है, लेकिन इसमें छत्तीसगढ़ के सुदूर इलाके बस्तर जैसे सुदूर इलाकों में कनेक्टिविटी को लेकर कोई बात नहीं की गई। जबकि वहां सड़क के अलावा कोई और मार्ग नहीं है।
अजीत जोगी ने कहा कि सिंचाई के लिए कोई खास प्रावधान नहीं है, जिससे एक बार किसान फिर से ठगा महसूस करेगा हालांकि एमएसपी बढ़ाई गई है, जो किसानों के लिए फायदेमंद है। सिंचाई पर जोर दिया जाना था। इसके अलावा देश की जनसंख्या में सबसे बड़ा हिस्सा रखने वाले युवाओं को रोजगार देने की बात नहीं की गई, जोकि दूरदर्शिता की कमी दिखाता है। इसी तरीके से शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत कम बजट रखा गया है। एक छत्तीसगढ़िया होने के नाते मैं इस बजट को अच्छा नहीं मानता।
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