बेमेतरा: जिले के समस्त हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के प्राचार्य, सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं बीआरसीसी की बैठक बीते दिनों जिला शिक्षा अधिकारी, बेमेतरा मधुलिका तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में विभिन्न विभागीय योजनाओं जैसे गणवेश एवं पाठ्यपुस्तक के वितरण की ऑनलाइन प्रविष्टि, गणवेश एवं पाठ्यपुस्तक वितरण की संकुल स्तर से पावती, मध्यान्ह भोजन योजनान्तर्गत सूखा राशन वितरण, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय शिक्षा नीति आदि पर जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा चर्चा की गई तथा उपस्थित प्राचार्यों को आवश्यक कार्यवाही के विस्तृत निर्देश दिए गए। बैठक में सुनील तिवारी सहा.सांख्यिकी अधिकारी ने प्राचार्यों से एजेण्डावार चर्चा करते हुए जानकारी ली। खिरामन वर्मा एमआईएस प्रशासक द्वारा समग्र शिक्षा से संबंधित चर्चा की गई तथा शाला अनुदान के तहत विद्यालयों को प्राप्त राशि के उपयोग के लिए बारीकी से जानकारी दी। कलावती भगत सहायक संचालक, योजना, कमोद सिंह ठाकुर, जिला मिशन समन्वयक उपस्थित थे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्यों से व्यक्तिगत बात करते हुए विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या तथा सीजीपोर्टलडाॅटइन में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के पंजीयन की जानकारी ली। उन्होंने प्राचार्यो से पूछा कि विद्यालय के 100 प्रतिशत विद्यार्थी पोर्टल पर पंजीकृत क्यों नहीं हो पाए। प्राचार्यों से संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होने से जिला शिक्षा अधिकारी ने नाराजगी भी जाहिर की तथा प्राचार्यों को स्मरण भी कराया कि जिले का लक्ष्य अभी भी 95 प्लस परीक्षा परिणाम है। उन्होंने कहा कि कोरोना से उपजी इस विकट परिस्थिति में न केवल बच्चों को शिक्षा से सतत् जोड़े रखना विभाग की प्राथमिकता है बल्कि जिले के लक्ष्य 95 प्लस को भी हासिल करने हेतु कार्ययोजना तैयार कर शैक्षिक गतिविधियों का संचालन किया जाना है।
जिले के विद्यालयों में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों की जानकारी देने में संस्था प्रमुखों के द्वारा बरती जा रही कोताही पर खेद प्रकट करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी संस्था प्रमुखों को निर्देशित किया कि निर्धारित प्रपत्र में अपने विद्यालय के समस्त दिव्यांग बच्चों की जानकारी जिला कार्यालय को उपलब्ध करावें ताकि शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत प्राप्त होने वाले लाभ से वे बच्चे वंचित न हों। इस वर्ष माध्यमिक शिक्षा मण्डल के द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा केन्द्र निर्धारित नहीं किया जाएगा जबकि प्रत्येक हाई एवं हायर सेकण्डरी स्कूल ही कक्षा 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा केन्द्र होंगे अतः आगामी बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए न केवल विद्यालय की साफ-सफाई कराई जाए अपितु कोरोना प्रोटोकाॅल का भी ध्यान रखे जाने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा दिए गए। उन्होंने कहा कि विद्यालय में बुक-बैंक के क्रियान्वयन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जावे, कक्षोन्नत होने वाले विद्यार्थियों से वर्तमान कक्षा की पाठ्यपुस्तकें अनिवार्य रूप से वापस लेकर उस कक्षा में आने वाले नए बच्चों में वितरीत किया जाए जिससे शासकीय धन का अपव्यय रोका जा सकेगा साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी ये प्रयास लाभकारी होगा।