'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' का लाभ पाने किसान 01 जून से 30 सितंबर तक करा सकेंगे पंजीयन, ये होंगे पात्र | Farmers will be register for the benefit of 'Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana' from June 01 to September 30

‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ का लाभ पाने किसान 01 जून से 30 सितंबर तक करा सकेंगे पंजीयन, ये होंगे पात्र

'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' का लाभ पाने किसान 01 जून से 30 सितंबर तक करा सकेंगे पंजीयन, ये होंगे पात्र

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 PM IST
,
Published Date: May 29, 2021 12:22 pm IST

रायपुर: राज्य में फसल विविधीकरण, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि फसल के काश्त लागत की प्रतिपूर्ति कर किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है । कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा आज जारी दिशा- निर्देश के अनुसार इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। पंजीयन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल https://rgkny.cg.nic.in पर 1 जून से लेकर 30 सितंबर के मध्य किया जा सकेगा।

Read More: सोनू सूद ने मध्यप्रदेश की चार महिला डिप्टी कलेक्टर्स को कहा- Thanks, कोरोना मरीज के लिए मांगी थी मदद

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी कृषक पात्र होंगे। संस्थागत भू-धारक,रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ़ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो -कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से 9000 रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी । वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था यदि वह धान के बदले कोदो -कुटकी, गन्ना ,अरहर ,मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन , सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला ,पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10000 रुपए के मान से आदान सहायता मिलेगी । वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को 3 वर्ष तक आदान सहायता दी जाएगी।

Read More: नमक के पानी का गरारा करने से ही पता चल जाएगा कोरोना का संक्रमण है या नहीं, नई तकनीक को ICMR ने दी मंजूरी

राज्य में कृषि के क्षेत्र में अधिक निवेश तथा इसको लाभ के व्यवसाय के रूप में पुनर्स्थापित करते हुए जीडीपी में कृषि क्षेत्र की सहभागिता में वृद्धि के उद्देश्य वाली यह योजना खरीफ 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी । इस योजना का क्रियान्वयन राज्य स्तर पर आयुक्त एवं संचालक कृषि तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में उपसंचालक कृषि द्वारा किया जाएगा । इस योजना के तहत पंजीकृत कृषक को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका ,बी-1, आधार नंबर , बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में भरे हुए आवेदन का सत्यापन कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा । जिसे निर्धारित समयावधि में संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में जमा कर कृषक वहां से पावती प्राप्त कर सकेगा। संयुक्त खातेदार का पंजीयन नंबरदार नाम से किया जाएगा। इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह- शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा । आदान सहायता पंजीकृत कृषक नंबरदार के खाते में अंतरित की जाएगी। जिसका बटवारा आपसी सहमति से खातेदार करेंगे ।

Read More: छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से एक और मौत, रायपुर के एम्स में चल रहा था इलाज

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सम्मिलित फसल के रकबे के निर्धारण हेतु भुइया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े को ही अधिकृत रूप से उपयोग किया जाएगा। सभी फसलों का कृषकवार, खसरावार बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से की जाएगी। गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि अथवा भिन्नता पाए जाने पर प्रचलित निर्देश एवं प्रक्रिया के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा सुधार का कार्य किया जाएगा। राजस्व रिकार्ड में दर्ज रकबा एवं किसान द्वारा बोए गए वास्तविक रकबे में भिन्नता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी तथा पर्यवेक्षण करने वाले अमलों की जवाबदेही तय कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

Read More: एक ही व्यक्ति के शरीर में मिले येलो, ब्लैक और व्हाइट फंगस, उपचार के दौरान वकील की मौत

योजना अंतर्गत पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से किस्तों में आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में अंतरित की जाएगी । इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, निगरानी एवं अंतर विभागीय समन्वय का दायित्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति के जिम्मे होगी, जब कि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति योजना का क्रियान्वयन निगरानी और शिकायतों का निराकरण करेगी। योजना के अंतर्गत हितग्राही के सत्यापन की जिम्मेदारी कृषि विभाग के जिला एवं मैदानी स्तर के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में शासन के निर्देशानुसार करेंगे।

Read More: ज्योतिरादित्य सिंधिया को किसी के प्रमाण की जरूरत नहीं, उन्हें कभी भी पद की आवश्यकता नहीं: मंत्री तुलसी सिलावट