ऐसे हुई थी डॉ रमन सिंह के OSD रहे अरुण बिसेन की पत्नी की नियुक्ति, जांच में बड़ा खुलासा, नोटिस थमाने की तैयारी | Exposed wife of Former OSD arun bisen's wife jageshwari bisen

ऐसे हुई थी डॉ रमन सिंह के OSD रहे अरुण बिसेन की पत्नी की नियुक्ति, जांच में बड़ा खुलासा, नोटिस थमाने की तैयारी

ऐसे हुई थी डॉ रमन सिंह के OSD रहे अरुण बिसेन की पत्नी की नियुक्ति, जांच में बड़ा खुलासा, नोटिस थमाने की तैयारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : July 24, 2019/11:52 am IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह के ओएसडी रहे अरूण बिसेन की पत्नी जागेश्वरी बिसेन की पत्नी के खिलाफ कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी द्वारा किए गए शिकायत पर जांच पूरी हो गई हैै। जांच में जागेश्वरी बिसेन की नियुक्ति गलत पाई गई है। जांच के दौरान पाया गया कि जागेश्वरी बिसेन आईटी विशेषज्ञ के पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता नहीं रखती हैं, बवाजूद इसके एनआरडीए में उनका चयन किया गया था।

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ज्ञात हो कि कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात कर अरूण बिसेन की पत्नी जागेश्वरी बिसेन का चयन नियम विरूद्ध किए जाने के संबंध में शिकायत की थी। शिकातय के आधार पर सीएम भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव सुनील कुजूर को जांच का निर्देश दिया था। मुख्य सचिव सुनील कुजूर ने आवास एवं पर्यावरण विभाग की विशेष सचिव ने इस सिलसिले में एनआरडीए के सीईओ से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी।

जागेश्वरी बिसेन की नियुक्ति को लेकर चार बिंदुओं में जांच की गई। जांच के दौरान जागेश्वरी बिसेन की नियुक्ति में अनियमितता बरते जाने का खुलासा हुआ। ज्ञात हो कि स्मार्ट सिटी परियोजना के कार्यों के संचालन के लिए आईटी कंसलटेंट की नियुक्ति किया जाना था। इस पद के लिए सलाहकार संस्था मेसर्स ली एसोसिएट से योग्य उम्मीदवारों का बॉयोडाटा मंगवाया गया था। इस पद के लिए उम्मीदवार की योग्यता में एमसीए या फिर बीई व बीटेक के साथ-साथ पांच से सात साल का अनुभव अनिवार्य था। सलाहकार संस्था ने पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह के ओएसडी अरूण बिसेन की पत्नी जागेश्वरी बिसेन का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया और इसी आधार पर उनकी नियुक्ति आईटी विशेषज्ञ के पद पर की गई।

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जांच रिपोर्ट में यह बताया गया कि बॉयोडाटा मिलने के बाद प्रस्तावित उम्मीदवार का साक्षात्कार भी नहीं लिया गया। इस सिलसिले में कोई नस्ती उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, प्रोफेशनल इंस्टीटयूट ऑफ इंजीयरिंग और टेक्नालॉजी में कुल तीन वर्ष सात माह में प्रोफेसर कम्प्यूटर साइंस और कंसोल इंडिया कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड में कुल एक वर्ष तीन माह का अनुभव होना बताया गया है।

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इस तरह जागेश्वरी बिसेन द्वारा 4 वर्ष 10 माह 18 दिन का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है। जबकि प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त पद के लिए पांच से सात वर्ष का अनुभव चाहा गया था। जागेश्वरी बिसेन को एक लाख रूपए महीने के वेतन पर रखा गया था। सरकार बदलने के बाद जागेश्वरी बिसेन ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया। जांच रिपोर्ट आने के बाद एनआरडीए के तत्कालीन सीईओ रजत कुमार को नोटिस देने की तैयारी चल रही है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

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