रायपुर: इस साल जनवरी महीने की सोलह तारीख से टीकाकरण शुरु हुआ, और तभी से सियासत भी शुरु हो गई थी। टीके के हर एक फैसले पर केंद्र और राज्यों के बीच टकराव के हालात बनते रहे। आरोप-प्रत्यारोप चले और आखिरकार 6 महीने बाद अब मोदी ने हर किसी के लिए वैक्सीन फ्री करने का ऐलान कर दिया। लेकिन इस बीच कई राज्यों ने टीका खुद खरीदा। छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने इसके एप बना लिए। निजी अस्पतालों ने भी बड़े पैमाने पर टीका खरीद लिया।
करीब 32 मिनट के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कई अहम ऐलान किये, लेकिन जो बात सबसे अहम रही, वो रही कि 21 जून से देश में सभी को मफ्त वैक्सीन लगेगी। अब केंद्र की ओर से हर व्यक्ति को मुफ्त वैक्सीन मिलेगा। किसी भी राज्य को अपने पैसे से वैक्सीन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। निजी अस्पतालों को भी पहले की तरह 25% वैक्सीन देने की प्रक्रिया जारी रखने की बात पीएम ने कही। उन्होंने ये भी जो देते हुए कहा कि अस्पताल एक वैक्सीन लगाने के लिए 150 रुपए से ज्यादा नहीं ले सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हमारी लड़ाई जारी है। पीएम मोदी ने वैक्सीन को लेकर अफवाह फैलाने वालों की भी जमकर क्लास ली।
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पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यों की मांग पर ये फैसला लिया गया है। यानी राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 फीसदी काम था, उसकी जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार उठाएगी। पीएम के फैसले को छत्तीसगढ़ बीजेपी ने ऐतिहासिक और स्वागतयोग्य बताया, तो दूसरी ओर सत्ता रूढ़ कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीति पर भी सवाल उठा दिये।
कोरोना के दूसरी लहर के दौरान मिस मैनेजमेंट और वैक्सीनेशन को लेकर अपनी जिम्मेदारी से भागने के आरोपों के जवाब के तौर पर ही सही, लेकिन देशभऱ में 18 प्लस को केंद्र की तरफ से मुफ्त में टीका लगाने का ऐलान कर प्रधानमंत्री ने अपने विरोधियों से ये बड़ा मुद्दा छीन लिया है। देखना ये है कि अब राज्य इस बारे बनी नई गाइडलाइन का कैसे पालन करते हैं। यहां बड़ा सवाल ये भी है अपने बलबूते पर कंपनीज से सीधे डील कर चुके कांग्रेस शासित राज्य इस मसले पर केंद्र से किस फॉर्मूले से सामांजस्य बना पाते हैं।