सेवा अवधि पूरी करने वाले कर्मचारी फिलहाल नहीं होंगे रिटायर ! इस वजह से हो रहा वैकल्पिक उपायों पर विचार | Employees who complete the service period will not retire at the moment! Consideration of alternative measures due to this

सेवा अवधि पूरी करने वाले कर्मचारी फिलहाल नहीं होंगे रिटायर ! इस वजह से हो रहा वैकल्पिक उपायों पर विचार

सेवा अवधि पूरी करने वाले कर्मचारी फिलहाल नहीं होंगे रिटायर ! इस वजह से हो रहा वैकल्पिक उपायों पर विचार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : February 15, 2020/5:12 am IST

भोपाल । मध्यप्रदेश में 24 साल बाद अधिकारी-कर्मचारियों के रिटायरमेंट को लेकर अजीब हालात बन गए हैं। वजह बीते दो साल से रिटायरमेंट पर रोक लगी होना है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने 31 मार्च 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच होने वाले रिटायरमेंट पर रोक लगा दी थी, तब रिटायरमेंट की आयु 60 से 62 साल की गई थी। अब ऐसे करीब 10 से 12 हजार अधिकारी-कर्मचारी अगले महीने 31 मार्च को शासकीय सेवा की अवधि पूरी कर रहे हैं। ऐसे में जहां अधिकारी वर्ग को रिटायरमेंट पर 80 लाख से 1 करोड़ रुपए और कर्मचारी को 25 से 30 लाख रुपए तक का भुगतान करना पड़ेगा। इस पर 3500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार का आंकलन किया गया है, वह भी ऐसे समय जब प्रदेश का खजाना खाली है, इसे लेकर सरकार पशोपेश में है। हालात ये हैं कि सरकार में सेवानिवृत्ति के विकल्पों पर विचार चल रहा है। इसमें कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद 6 महीने या 1 साल की संविदा नियुक्ति दे दी जाए, जिससे रिटायरमेंट पर होने वाले भुगतान से फिलहाल बचा जा सके।

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हालांकि इस बारे में कोई भी खुलकर कहने से बच रहा है, दरअसल यदि 31 मार्च 2018 को रिटायर होने वाले शासकीय सेवकों को विधिवत रिटायर किया जाता तो उस दौरान अधिकारियों को 5 लाख और कर्मचारियों को 2 लाख रुपए कम भुगतान करना पड़ता। दो साल में यह खर्चा 200 करोड़ रुपए बढ़ गया है।

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बहरहाल अब रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को नियमानुसार साढ़े सोलह माह की ग्रेज्युटी, 10 माह का अवकाश नकदीकरण और स्वास्थ्य बीमा योजना में जमा हुई राशि और कर्मचारी भविष्य निधि में जमा राशि का ब्याज के साथ भुगतान करना होता है। यह राशि अधिकारियों के खाते में 80 लाख से 1 करोड़ तो कर्मचारियों के हिस्से में 25 से 30 लाख रुपए होती है।