ग्वालियर: डॉ प्रतिभा गर्ग को हिरासत में लिए जाने के मामले को लेकर शनिवार को जिला प्रशासन और निजी डॉक्टरों की बैठक हुई। बैठक में जिला प्रशासन को अंतत: डॉक्टरों की मांग के आगे झुकना पड़ा। जिला प्रशासन ने डॉ प्रतिभा गर्ग पर लगे गर्भपात करवाने के आरोप को वापस लेते हुए, एसडीएम एसडीएम दीपशिखा भगत का ट्रांसफर करने का आश्वासन दिया है। वहीं, यह भी कहा गया है कि दीपशिक्षा भगत के खिलाफ जांच की जाएगी। जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद सभी डॉक्टर अपने काम पर लौट गए हैं।
गौरतलब है कि डॉ प्रतिभा गर्ग को हिरासत में लिए जाने के मामले को लेकर सभी निजी डॉक्टरों ने आईएमए के बैनर तले हड़ताल का ऐलान किया था। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वे सिर्फ इंमरजेंसी सुविधाओं में अपनी सेवाएं देंगे। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को जुडा और अन्य डॉक्टरों ने भी समर्थन दिया था।
ज्ञात हो कि शनिवार को कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर दीप शिखा को खुद मरीज बनकर शहर के गोविंदपुरी में चलने वाले प्रयास नर्सिंग होम में भेजा था। इस दौरान उनकी मुलाकत जयारोग्य अस्पताल की गायनिक में एसोसियेट प्रोफेसर डॉ प्रतिभा गर्ग और उनके पति डॉ प्रवीण गर्ग से मुलाकत हुई। दीप शिखा ने अपने आपको गर्भवती बताकर अबॉर्शन कराने की बात कही थी। ऐसा कहा जा रहा है कि महिला डॉक्टर के बीच इस पर सहमती बन गई थी, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम का डिप्टी कलेक्टर ने स्टिंग ऑपरेशन कर लिया। इस घटना के बाद पुलिस ने डाॅ प्रतिभा और उनक ेपति को हिरासत ले ली थी।
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