रीवा: हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समाज मे पुर्नस्थापित होने में विशेष सहयोग की आवश्यकता होती है। पीडित महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल उन्नयन प्रशिक्षण प्रदान किया जाये तो महिला स्वयं के साथ-साथ परिवार का भी भरण पोषण कर सकती है। इस उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग में मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना सितम्बर 2013 से प्रारंभ है। योजना के तहत विपत्तिग्रस्त, पीड़ित, कठिन परिस्थितियों में निवास कर रही महिलाओं को पुनर्वास एवं आर्थिक निर्भरता को बढ़ावा देने के लिये प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, ताकि वह रोजगार प्राप्त कर सके।
Read More: कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर अफवाह फैलाना पड़ सकता है भारी, कार्रवाई किए जाने का प्रावधान
मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत ऐसी विपत्तिग्रस्त महिलायें जिनके परिवार में कोई नहीं हो. बलात्कार से पीड़ित महिला या बालिका, दुव्यापार से बचाई गयी महिलायें जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हो, ऐसिड विक्टिम, दहेज प्रताडि़त, अग्नि पीडित महिलायें, कुआरी मातायें या समाजिक कुप्रथा का शिकार महिलायें, जेल से रिहा महिलायें, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिलायें जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हो, आश्रय गृह, बालिका गृह, अनुरक्षण गृह में निवासरत विपत्तिग्रस्त बालिका, महिलाओं को विभिन्न विधाओं में रोजागारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
बलात्कार से पीड़ित महिला या बालिका, व्यापार से बचाई गयी महिलायें जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हो, ऐसिड विक्टिम, जेल से रिहा महिलायें, परित्यक्ता/ तलाकशुदा/ विधवा/ अनाथ महिलायें जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हो, शासकीय/ अशासकीय नारी निकेतन, आश्रय गृह, अनुरक्षण गृह, शार्ट स्टे होम, बालिका गृह आदि में निवासरत विपत्तिग्रस्त बालिका/ महिला जो प्रशिक्षण लेना चाहती हों, दहेज प्रताडित/ अग्नि पीडित महिलायें, बाल विवाह से पीड़ित महिलायें, एवं सजायाफ्ता महिलाओं को जेल में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
हितग्राही लक्षित समूह अनुसार पीड़ित की श्रेणी में आता हो, लक्ष्य समूह अनुसार आवेदिका/ उसके परिवार का मुखिया गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हो, मानसिक रूप से विक्षिप्त न हो, सामान्य वर्ग की महिला की उम्र 45 वर्ष से कम हो। परित्यक्ता/ तलाकशुदा/ विधवा, एस सी. एस टी, पिछड़ा वर्ग महिला होने की स्थिति में 50 वर्ष, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता होनी अनिवार्य होगी, कम पढ़ी लिखी/ साक्षर/ अनपढ़ महिलाओं को उनकी योग्यता अनुसार प्रशिक्षण दिया जायेगा।
दहेज पीडित/ अग्नि पीडित/ बलात्कार एवं एसिड विक्टिम जेल से रिहा महिला नारी निकेतन शार्ट होम, शासकीय/ विभागीय मान्यता प्राप्त अशासकीय आश्रय गृह, बालिका गृह. अनुरक्षण गृह आदि में रहने वाली महिलाओं को गरीबी रेखा से छूट रहेगी।
आया/दाई/ वार्ड परिचर, ब्यूटीशियन, शार्ट टर्म मैनेजमेंट कोर्स (कुकिंग/ बैंकिग), आई.टी. आई/ पॉलीटेक्निक कोर्स/कोपा, होस्पिटालिटी, होटल/इवेंट मैनेजमेंट, प्रयोगशाला सहायक, अन्य प्रशिक्षण जो शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित किये जाते है। मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के तहत महिला एवं बाल विकास के द्वारा सर्वे के माध्यम से, बन स्टाप सेंटर से आने वाली महिलाओ. गंभीर एवं जघन्य अपराध से युक्त महिलाओ को शासन के निर्देशानुसार पात्रता के तहत चिन्हित कर महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने विगत दिवस आई. टी. आई. रीवा मे प्रशिक्षण प्रारंभ किया गया। प्रशिक्षण का शुभांरभ मुख्य अतिथि विभा पटेल जिला पंचायत उपाध्यक्ष की उपस्थिति में किया गया।
Read More: अनियमितता पाए जाने पर राशन दुकान संचालक के खिलाफ दर्ज हुआ मामला, पहुंचा हवालात
इस अवसर पर ऊषा सिंह सोलंकी (संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग), प्रतिभा पाण्डेय (जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग), आशीष द्विवेदी ( सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग ), बी. एस. पनिका प्राचार्य संभागीय आई. टी. आई. रीवा बी. शर्मा उप प्राचार्य, स्वाती श्रीवास्तव संरक्षण अधिकारी, संजय पाण्डेय प्रशिक्षण अधिकारी के साथ प्रशिक्षार्थी महिलाए एवं आई. टी. आई. रीवा के स्टॉफ मुख्य रूप से उपस्थित रहे है। प्रशिक्षण के लिये 15 महिलाओ को चयनित किया गया है। जिन्हे कम्प्यूटर ट्रेड मे 03 माह का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत आई. टी. आई. रीवा द्वारा प्रशिक्षित महिलाओ के रोजगार हेतु भी प्रयास किए जाएगे ताकि प्रशिक्षण उपरांत महिलाए आत्मनिर्भर बन सके। इस अवसर पर प्रतिभा पाण्डेय ने बताया कि यह प्रशिक्षण आगे भी प्रांरभ रहेगा। लक्ष्य समूह की महिलाए प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु एवं अधिक जानकारी के लिए कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास रीवा मे संपर्क कर सकते है।