जगदलपुर । तेलंगाना से 100 किलोमीटर पैदल चलकर वापस घर लौटने के दौरान 12 वर्षीय जमलो मड़कम की मौत हो गई थी, इसके बाद प्रशासन ने मृतका का कोरोना टेस्ट भी करवाया था, लेकिन यह कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है।
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जमलो की मौत के बाद शार्ट पीएम से मौत की असल वजह सामने नहीं आई है, जिसके बाद मौत का सही कारण जानने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है, साथ ही उसका बिसरा रायपुर एफ़एसएल में प्रिज़र्व कर दिया गया है, जल्द ही फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट आने पर मौत के असली कारणों की वजह सामने आ पाएगी ।
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आमतौर पर विसरा की रिपोर्ट आने में 15 दिन का समय लगता है, बता दें कि आदिवासी बाल मजदूर की मौत को लेकर लोगों में भी नाराजगी है, बड़ी संख्या में बस्तर से इस तरह के मजदूर पलायन कर रोजी रोटी की तलाश में बाहर जाते रहे हैं, और लॉक डाउन की वजह से ऐसे सैकड़ो मजदूर फंसे हुए है,और इसी कोशिश में वापस आते वक्त नाबालिग जमलो की मौत हो गई थी।