रायपुर: कोरोना के कोहराम के बीच प्रदेश में विधायक निधि पर संग्राम छिड़ा है। दरअसल राज्य सरकार ने सभी विधायकों की पूरी राशि को मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने का आदेश जारी किया है। इस मद में जमा राशि का इस्तेमाल वैक्सीनेशन में किया जाएगा। हालांकि बीजेपी इसका पुरजोर विरोध कर रही है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर पूछा है कि अगर पूरी राशि ले ली जाएगी तो विधायक अपने इलाके में कैसे काम कराएंगे। इधर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए बीजेपी पर राजनीतिक करने का आरोप लगाया। साथ ही सवाल किया जब प्रधानमंत्री ने सांसद निधि में कटौती की थी, तब बीजेपी नेताओं को आपत्ति क्यों नहीं हुई थी।
जी हां 1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने राज्य सरकार ने विधायक निधि का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। इसके लिए आर्थिक व सांख्यिकी विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है सरकार के इस फैसले को कांग्रेस विधायक दल ने अपनी सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। लेकिन बीजेपी विधायकों ने वैक्सीनेशन में MLA फंड के इस्तेमाल पर सवाल उठाते हुए मोर्चा खोल दिया है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सीएम को चिट्ठी लिखकर फैसले पर असहमति जताई और कहा कि विपक्ष को बिना विश्वास में लिए कदम उठाया गया। मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि जमा कराने से विधायक अपने क्षेत्रों में लोगों की मदद नहीं कर सकेंगे। बीजेपी के मुताबिक विधायक निधि का उपयोग विधानसभावार कामों के लिए होना चाहिए।
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दूसरी ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया कि ऐसे समय में राजनीति नहीं करना चाहिए। वैक्सीनेशन को लेकर बीजेपी नेताओं की नियत पर सवाल उठाए। साथ ही ये भी जवाब मांगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब सांसद निधि में कटौती की तब बीजेपी के नेताओं को आपत्ति क्यों नहीं हुई।
बहरहाल छत्तीसगढ़ सरकार ने सबको मुफ्त में वैक्सीन लगाने का फैसला किया है, जिसके लिए राज्य सरकार ने फंड जुटाने में लगी है। वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार को करीब 1 हजार करोड़ राशि की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में प्रदेश के 90 विधायकों की विधायक निधि की राशि 2-2 करोड़ के हिसाब से 180 करोड़ मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा होगी। वहीं, सरकार के पास सेस की 400 करोड़ से ज्यादा की राशि और DMF और आपदा प्रबंधन की करीब 400 करोड़ राशि उपलब्ध है। इसके अलावा राज्य सरकार ने सभी कर्मचारी-अधिकारियों के एक दिन की वेतन कटौती करने का फैसला लिया है, साथ ही राज्य सेवा के अधिकारी सरकारी टीकाकरण केंद्रों में शुल्क देकर वैक्सीन लगाएंगे।