भानुप्रतापपुर। लौह अयस्क उत्पादन के लिए पहचान बना चुके कांकेर जिले में अयस्क उत्खनन कर रही कंपनियां अब अपने हाथ खींचने में लग गई हैं। जिले में 4 प्रमुख कंपनियां लौह अयस्क का उत्खनन करती हैं। इनमें गोदावरी इस्पात, बजरंग स्टील, निको जायसवाल कंपनी एवं पुष्प स्टील प्रमुख रूप से काम कर रहे हैं, पर जिस तरह की स्थानीय राजनीति, स्थानीय ग्रामीण एवं श्रमिक समस्याओं के अलावा नक्सली समस्या खड़ी हो रही हैं, इन्हें काम करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लाभ तो दूर की बात यह प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए के नुकसान में जा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो दुर्गुकोंदल की हाहा लद्दी स्थित बजरंग इस्पात कंपनी मजदूरों की समस्याओं से पिछले कई साल से जूझ रही है और इस मार्च महीने से लंबे समय के लिए बजरंग इस्पात की इस खदान में उत्खनन बंद कर दिया गया है। वहीं मेटाबुदेली स्थिति निको जयसवाल कंपनी भी पिछले 15 दिनों से उत्खनन कार्य और परिवहन कार्य रोक चुकी है और अब जानकारी मिली है कि कंपनी एक आध हफ्ते में अपना काम समेटने की तैयारी कर रही है।
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अगर इसी तरह सभी कंपनियों के हालात रहे तो परिवहन व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो जाएगा और जिन लोगों ने करोड़ों रुपए का कर्ज़ लेकर गाड़ियां ली हैं उनके सामने गंभीर समस्या खड़ी हो जाएगी। वही परिवहन व्यवसाय ठप होने से इसका असर पूरे क्षेत्र में देखने को मिलेगा। माइंस चालू होने के बाद से भानुप्रतापपुर में लगभग 12 से 15 हजार लोगों को रोजगार मिला है। भानुप्रतापपुर का व्यवसाय भी बढ़ा है। यदि माइंस प्रबंधक यहां अपने हाथ खींच लेते हैं, तो भानुप्रतापपुर के लोगों के सामने जीवनयापन करने की समस्या खड़ी हो जाएगी। कुछ दिनों पहले ही बस्तर से टाटा कंपनी ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं, इससे भानुप्रतापपुर के लोगो में भी चिंता बनी हुई है।