रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने लगभग 08 माह के कार्यकाल में एक विशेष पहचान स्थापित की है। (इसमें ढाई से तीन माह तक लोकसभा चुनाव 2019 की आदर्श आचरण सहिता प्रभावशील रही) चाहे वह किसानों का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ हो, या 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से वाजिब दाम देकर समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन शामिल है। ऋण माफी योजना से प्रदेश के 19 लाख किसानों के 11 हजार करोड़ रूपए से अधिक का कर्ज माफ किया गया। प्रदेश की मेहनतकश किसानों के पसीने का सम्मान करते हुए इस तरह उन्होंने किसानों से किया गया वादा पहले निभाया। मुख्यमंत्री द्वारा पदभार ग्रहण करते ही 02 घंटे के भीतर ही किसानों की कर्ज माफ की कार्रवाई पूरी की। प्रदेश का हर नागरिक चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण छत्तीसगढ़ सरकार की कल्याणकारी सोच से वाकिफ है। आम लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। प्रदेश सरकार द्वारा छोटे भू-खण्ड के खरीद-बिक्री पर रोक हटने से मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिली है। जिसके कारण लगभग 60 हजार लोगों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री करायी। मुख्यमंत्री का मानना है कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का संकल्प हम सब मिलकर पूरा करेंगे।
मुख्यमंत्री बघेल ने तीजा पर्व, हरेली, माता कर्मा जयंती, छठ पूजा एवं विश्व आदिवासी दिवस पर नए सार्वजनिक अवकाश घोषित कर एक ठेठ छत्तीसगढ़िया की पहचान दिलाई। हाल ही में छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पर्व हरेली बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया। स्कूल-कॉलेजों में हजारों शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू, कन्या विवाह योजना की सहायता राशि 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए की गई। प्रदेश के तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा की गई। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में उद्योग कंपनी द्वारा अधिगृहित की गई जमीन की वापसी, इन्द्रावती विकास प्राधिकरण का गठन, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ जैसे अनेक जनहितकारी फैसलों से लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। दिव्यांगजनों के विवाह हेतु प्रोत्साहन राशि प्रति जोड़े 50 हजार रूपए से बढ़ाकर 01 लाख रूपएकी गई, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मानदेय में इजाफा, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के नगरनार प्लांट में ग्रुप सी तथा डी की भर्ती परीक्षा दंतेवाड़ा में कराने को लेकर एनएमडीसी को राजी कराया।
मुख्यमंत्री बघेल ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गौरेेला-पेण्डाª मारवाही के नाम से एक नए जिले के गठन की घोषणा की। इसके अलावा प्रदेश में 25 नई तहसीलों की गठन की घोषणा की। प्रदेश के सभी पंचायतों में राजीव गांधी युवा मितान क्लब बनाए जाएंगें प्रथम चरण में 20 हजार पंचायतों से इसकी शुरूआत की जाएगी। क्लब का उद्देश्य युवाओं को छत्तीसगढ़ी परम्परा व संस्कृति को सहजने के लिए आगे लाने के लिए प्रोत्साहित करना है, एक तरह से उन्होंने युवाओं का दिल जीता। मुख्यमंत्री द्वारा किसी भी गरीब के आशियानें को नहीं उजाड़ने का फैसला किया गया है। इस निर्णय से 19 नवम्बर 2018 के पूर्व बने किसी भी मकान को नहीं हटाया जाएगा और उन्हें पट्टा वितरण की कार्यवाही की जाएगी। इससे प्रदेश के औद्योगिक शहरों सहित प्रदेश में निवासरत लाखों लोगों को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने एक और बड़ा निर्णय लेते हुए अनुसूचित जाति संवर्ग को 13 प्रतिशत आरक्षण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की है। शासन के इस फैसले से प्रदेश के अजा एवं ओबीसी समुदाय के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। नवगठित बस्तर, सरगुजा मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरणों का अध्यक्ष पद मुख्यमंत्री के स्थान पर स्थानीय विधायक को दिया गया है व दो स्थानीय उपाध्यक्ष भी बनाए गए हैं। जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण करते हुए बच्चे के जन्म के साथ पिता के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चों को भी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है।
मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना के तहत आदिवासी अंचलों के हाट बाजारों में स्वास्थ्य जांच, इलाज तथा दवा वितरण की सुविधा दी जा रही है, जिसका लाभ विशेषकर सुदूर अंचल में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के लोगों को मिल रहा है। विलुप्त होती सांस्कृतिक विरासत पौनी-पसारी बाजार प्रणाली को जीवित करने के लिए सभी नगरीय निकायों में एसे 255 बाजारों का विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरीबों की पीड़ा को समझते हुए प्रदेश सरकार द्वारा मोर जमीन मोर मकान के अंतर्गत एक लाख 60 हजार परिवारों को आवास निर्माण हेतु 2 लाख 29 हजार रूपए की राशि उनके बैंक खातों मे डालने की व्यवस्था की गई है। मोर आवास- मोर चिन्हारी योजना के अंतर्गत तालाब पार, डूबान क्षेत्र व अन्य योजनाओं से प्रभावित परिवारों के लिए नगर निगम क्षेत्रों में बहुमंजिला फ्लैट्स के निर्माण में तेजी लाई गई है। जिससे हितग्राही को मात्र 75 हजार रूपए में घर मिलेंगे। सुराजी गांव योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा नरवा, गरूवा, घुरवा अउ बारी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे है।
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