रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और संत यति यतनलाल की 19 जुलाई को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय जागरण, सामाजिक उत्थान और स्वाधीनता संग्राम में जीवन समर्पित करने वालों में संत यति यतन लाल जी का नाम श्रद्धा से लिया जाता है। वे महान संत होने के साथ स्वाधीनता संग्राम के कर्मठ योद्धा भी थे। गांव-गांव जाकर लोगों की सेवा और सहायता करने के साथ ही नशापान और जातिगत भेदभाव को दूर करने में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत यति यतनलाल के विचार हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
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वहीं मुख्यमंत्री ने डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती पर उनके योगदान को याद किया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और साहित्यकार डॉ. खूबचंद बघेल की 19 जुलाई को जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने डॉ बघेल के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे जीवन के अंतिम समय तक कई रचनात्मक और किसान-मजदूर हितैषी गतिविधियों से जुड़कर छत्तीसगढ़ की सेवा करते रहे।
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छत्तीसगढ़ राज्य आंदोलन को गति देने में उनकी निर्णायक भूमिका रही। डॉ. बघेल ने गांधी जी से प्रभावित होकर शासकीय नौकरी से त्यागपत्र दिया और सक्रिय रूप से स्वाधीनता आंदोलनों से जुडे़। उनके प्रभाव ने सैकड़ों युवाओं को स्वाधीनता संग्राम से जोड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी और छत्तीसगढ़ी में डॉ.बघेल द्वारा जनसरोकार और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लिखे गए नाटकों ने भी जनमानस पर गहरा प्रभाव डाला। छत्तीसगढ़ के लिए उनका योगदान सदा याद किया जाएगा।