जबलपुर। राज्य न्यायिक अकादमी के कार्यक्रम में CJI एस ए बोबड़े ने कहा कि ये कार्यक्रम एक नई प्रक्रिया का आरंभ है। समय के साथ विकसित होते कानून की समझ जरूरी है। ज्यूडिशियल ट्रेंनिग के तौर तरीकों को बदलना होगा। उत्कृष्टता स्थापित करने के लिए अच्छे बदलाव जरूरी हैं ।
राज्य न्यायिक अकादमी कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कोरोना संकटकाल में भी न्यायपालिका ने न्याय देने का काम नहीं रोका है। न्यायपालिका सरकार की रीढ़ है। जजों का प्रशिक्षण आवश्यक और महत्वपूर्ण है। मामलों के जल्द निराकरण के लिए जागरूकता ज़रूरी है। जल्द न्याय के लिए ट्रेनी जजों को तकनीक की ट्रेनिंग भी ज़रूरी है। न्याय की गुणवत्ता भी जल्द न्याय में ज़रूरी
ज्यूडिशरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद कितनी ज़रूरी इस पर भी हो चर्चा होनी चाहिए। बदनामी के डर से आज भी महिलाएं शिकायतें दर्ज नहीं करवा पाती हैं। गुजरात में नारी अदालतों की पहल अनुकरणीय है। यौन हिंसा के प्रति संवेदना से न्याय प्रक्रिया संचालित हो, महिला अपराध पर शिकायत मिलते ही न्याय प्रक्रिया शुरू होना ज़रूरी है।
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राज्य न्यायिक अकादमी के कार्यक्रम में CM शिवराज ने कहा कि ये मंथन ऐसा हो जिससे अमृत निकले,परिचर्चा के नतीजों को लागू करने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगीआम आदमी को ही सुखी करना न्यायपालिका और विधायिका का मकसद है।
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CM शिवराज ने कहा कि न्याय से आत्मिक सुख मिलता है। न्याय का सुख मिलने पर ही जनता न्यायपालिका के साथ जाती है।
न्यायपालिका में लाखों केस लंबित हैं ।प्रदेश सरकार जजों के रिक्त पद भरने की कोशिश करेगी। सरकार इस परिचर्चा के नतीजों को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
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