रायपुर। राज्य शासन ने निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी स्कूल में कक्षा 8वीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को उन्हीं स्कूल में कक्षा 12वीं तक अध्ययन करने के लिए निरंतरता प्रदान करने का निर्णय लिया है। निजी अशासकीय स्कूल इस आदेश के अनुपालन में खुद ही विद्यार्थियों के नाम अगली कक्षा में दर्ज करेंगे।
इसी तरह स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों निर्देश दिया है कि वे ऐसे सभी विद्यार्थियों को उन्हीं विद्यालयों में प्रवेश संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। विभिन्न शालाओं में प्रवेश कराए गए विद्यार्थियों के फीस की प्रतिपूर्ति की राशि शासन स्कूलों को देगा। इसी अनुसार फीस प्रतिपूर्ति की वार्षिक दर प्रति छात्र प्रतिवर्ष 15 हजार रूपए अधिकतम निर्धारित की गई है।
वहीं छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल अंतर्गत संचालित शालाओं के लिए कक्षा 9वीं की पुस्तकें निशुल्क दी जाएगी। अन्य बोर्ड से संबद्ध शालाओं के विद्यार्थियों को शिक्षण सामग्री के लिए एक हजार रूपए प्रति विद्यार्थी प्रतिवर्ष देय होगा। निजी शालाओं में कक्षा 9वीं में प्रवेशित विद्यार्थियों को शासकीय शालाओं के समान गणवेश/गणवेश अनुदान की पात्रता नहीं होगी।
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सत्र 2019-20 में सत्र का प्रारंभ आज 24 जून से शुरू हो गया है। राज्य के निजी अशासकीय विद्यालयों में प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं में प्रवेश संबंधी कार्यवाही तत्काल की जाए। जिन निजी विद्यालयों में हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल स्तर की कक्षाएं संचालित नहीं है, उन विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संबंधित विद्यार्थियों के पालकों से विकल्प प्राप्त कर निजी शालाओं में पहुंच सीमा के भीतर की शालाओं में कक्षा 9वीं में दर्ज संख्या के 25 प्रतिशत की सीमा में प्रवेश संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। जहां निर्धारित सीमा में अशासकीय शाला उपलब्ध नहीं हो, वहां शासकीय शाला में कक्षा 9वीं में प्रवेश की व्यवस्था की जाए।