रांची: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व डीजीपी डीके पाण्डेय, दो पूर्व आएएस सुचित्रा सिन्हा व आरपी शाही, पूर्व आईपीएस व कांग्रेस नेता अरुण उरांव सहित छह विधायकों ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। बता दें कि अरुण उरांव छत्तीसगढ़ में पीसीसी के प्रभारी सचिव थे। इस लिहाज से छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों को भी तगड़ा झटका लगा है। अरुण उरांव के भाजपा ज्वाइन करने से प्रभार के राज्यों में भी प्रभाव पड़ेगा।
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अरुण उरांव सहित 6 विधायकों द्वारा भाजपा ज्वाइन करने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को झारखंड में बड़ा फायदा मिल सकता है। वहीं, राजनीतिक के चाणक्यों को यह भी मानना है कि आगामी दिनों में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस में बगावत के सुर और बुलंद हो सकते हैं।
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ज्ञात हो कि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के पांच जबकि नौजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही भाजपा में शामिल हुए। भाजपा में शामिल होने वाले झामुमो के विधायकों में बहरागोड़ा के कुणाल षाडंगी, मांडु विधायक जेपी पटेल, विशुनपुर विधायक चमरा लिंडा शामिल हैं। वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व लोहरदंगा के विधायक सुखदेव भगत व बरही विधायक मनोज यादव ने भाजपा की सदस्यता ली।
पूर्व आईपीएस अधिकारी और कांग्रेस नेता अरुण उरांव और आजसू नेता ललित ओझा भी भाजपा में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि मनपसंद सीट से चुनाव लड़ने की गारंटी मिलने के बाद ये नेता भाजपा में शामिल होने के लिए राजी हुए।
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