रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण और उससे हो रही मौत के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए रायपुर सहित अधिक प्रभावित जिलों में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा रही है। दरअसल 15 दिन के लॉकडाउन के बावजूद संक्रमण की रफ्तार कम नहीं होने से शासन-प्रशासन परेशान है। ऐसे में रायपुर सहित कई जिलों में 5 मई तक बढ़ा दिया गया है। हालांकि इसे लेकर कांग्रेस और बीजेपी में सियासत शुरू हो गई है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होती। तब तक लॉकडाउन बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है, वहीं सत्ता पक्ष का दावा है कि लॉकडाउन का असर दिखाई दे रहा है। ऐसे में सवाल है कि जब शहरों में तालाबंदी, तो कोरोना पर लगाम क्यों नहीं है। आखिर ऐसे कौन से कारण हैं, जिसकी वजह से नए केस और मौतों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है?
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रायपुर में लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं, प्रभारी मंत्री रविंद्र चौबे के इस बयान से स्थिति साफ हो चुकी है। राजधानी में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए रविंद्र चौबे ने ऐलान किया कि 5 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है। इससे पहले 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक रायपुर कलेक्टर ने शहर में टोटल लॉकडाउन लागू किया गया था, फिर बाद में इसे 26 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया। हालांकि इस बार के लॉकडाउन में कुछ रियायतें होंगी, किराना दुकान, बाजार के खुलने के समय को लेकर कलेक्टर ने गाइडलाइन जारी किया।
कोरोना के बढ़ते मामले और मौत के आंकड़ों को देखते हुए रायपुर सहित जिन जिलों में हालात खराब है, वहां भी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का फैसला लिया गया है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि शहरों में तालाबंदी से कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने में ज्यादा कारगर नहीं रहा है। छत्तीसगढ़ और रायपुर में लॉकडाउन के पहले और बीते 24 घंटे के आंकड़ों पर नजर डालें तो 9 अप्रैल को छत्तीसगढ़ में 11447 कोरोना संक्रमित मरीज मिले थे, जबकि 91 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 23 अप्रैल को प्रदेश में 17,397 नए केस मिले और वायरस ने 219 लोगों की जान ले ली। इसी तरह रायपुर की बात करें तो 9 अप्रैल को 2622 नए केस मिले थे, वहीं 23 अप्रैल को 3215 कोरोना संक्रमित मरीज मिले।
यानी लॉकडाउन की अवधि में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या और मौत का ग्राफ कम होने के बजाय बढ़ा है। आंकड़ों के आधार पर अब बीजेपी राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के मुताबिक केवल लॉकडाउन बढ़ाने से कुछ नहीं होगा, अस्पतालों में व्यवस्था सुधारनी होगी। दूसरी ओर सत्ता पक्ष का दावा है कि लॉकडाउन का असर दिखाई दे रहा है। कई जिलों में कोरोना संक्रमित और मौतों की संख्या में कमी आई है। रायपुर सहित कुछ जिलों में लॉकडाउन बढ़ाने से आने वाले दिनों में इसका व्यापक असर दिखाई देखा।
बहरहाल लॉकडाउन के 15 दिनों में छत्तीसगढ़ में 2 लाख 10 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले हैं, वहीं रायपुर मे ये आंकड़ा करीब 50 हजार रहा।हालांकि राहत की बात ये रही कि अस्पतालों और होम आइसोलेशन में रिकवर करने वालों की संख्या भी काफी रही। विशेषज्ञ भी हैरानी जता रहे हैं कि लॉकडाउन में जब लोग घर में रहें तो स्वाभाविक रूप से मरीजों की संख्या कम होनी थी, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा। ऐसे में सवाल है कि इसकी पीछे क्या वजह रही? क्या लॉकडाउन का सही से पालन नहीं हुआ? क्या समय पर जांच और इलाज नहीं हो रहा? साथ ही क्या लोग होम आइसोलेशन का उल्लंघन कर रहे हैं? सवाल ये भी कि प्रदेश में कोरोना का पीक काल शुरू हो गया है?