रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उस वक्त सदन में जमकर हंगामा हुआ, जब पूर्व मंत्री और कुरूद विधायक अजय चंद्राकर ने आदिवासी मंत्रियों को लेकर कटाक्ष किया। इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ। वहीं, सदन में मौजूद विधायकों ने नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामे के बाद आसंदी को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस मुद्दे को लेकर सदन में प्रेमसाय सिंह, अजीत जोगी, धरम लाला कौशिक और अजय चंद्राकर के बीच तीखी नोक-झोंक हुई।
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विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने इस संबंध में जेसीसीजे चीफ अजीत जोगी को एक्सपर्ट के तौर पर राय मांगी। अध्यक्ष के अग्रह पर जोगी ने अपनी राय देते हुए कहा कि जाति वाचक शब्द का प्रयोग करना घोर आपत्तिजनक है। अजय चंद्राकर वरिष्ठ और जानकार हैं। हो सकता है अंजाने में उनसे भूल हुई है, इसलिए अपने शब्द को वापस लेने से कोई भी छोटा नहीं होता है। आपका कद और बढ़ जाएगा।उन्हें अपना शब्द वापस ले लेना चाहिए।
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वहीं, एक्सपर्ट की राय के बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि अगर सदन में आज के बाद मेरे खेद से उल्लेख बंद हो जाएगा तो इस सदन के लिए एतिहासिक दिन होगा। अजय चंद्राकर के इतना कहते ही एक बार फिर सदन में हंगामा शुरू हो रहा था कि अजय चंद्राकर ने व्यंग्यात्मक तरिके से माफी मांग ली।
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