रायपुर। भूपेश सरकार ने राज्य के सभी परिवारों को राशनकार्ड के दायरे में लाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 7 लाख नए राशन कार्ड बनाने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को मंत्रालय में हुई भूपेश कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया है। कैबिनेट ने इसके अलावा और भी निर्णय लिए हैं। सतीशचंद्र वर्मा को महाधिवक्ता बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। आशीष कर्मा को डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्ति देने के बाद अब उस पद को पीएससी के दायरे से बाहर करने का भी निर्णय कैबिनेट ने किया।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राज्य शासन द्वारा सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा सार्वजनिक क्षेत्र के व्यवसायिक बैंकों से लिए गए अल्पकालिक कृषि ऋण को माफ किया गया हैं। बैठक में इससे छूट गए नानपरफामिंग खातों को वन टाइम सेटलमेंट के माध्यम से ऋण माफी का लाभ दिलाने का निर्णय लिया गया। इसके तहत 50 प्रतिशत की राशि राज्य सरकार द्वारा देय होगी। इससे करीब 1175 करोड़ रूपए की ऋण राशि में से आधी राशि शासन द्वारा वहन की जाएगी। इससे भविष्य में इन खाताधारियों को भी कृषि ऋण की सुविधा मिल सकेगी।
अकबर ने बताया कि राज्य में 58 लाख परिवार के पास राशन कार्ड पहले से है। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक 7 लाख और जुड़ेंगे। इनकम टैक्स वालों को दस रुपए किलो चावल मिलेगा। 7 लाख नए राशन कार्ड बनाने के नाम पर पुराने रोके नहीं जाएंगे, उनसे वितरण जारी रहेगा। हालांकि नया बन जाएगा तो पुराने कार्ड समाप्त हो जाएंगे। राशन कार्ड के दो केटेग़री रहेंगे, पहला आयकरदाता और दूसरा जो आयकरदाता नहीं है। 65 लाख राशनकार्ड बनाने का लक्ष्य है।
बताया गया कि शक्कर खरीदी के मामले में राज्य के सहकारी क्षेत्र के शक्कर कारखानों के पास स्टॉक बहुत है, उन्हें समस्या हो रही है। ऐसे में पीडीएस में जो शक्कर वितरित होता है, वह भारत सरकार के दर पर शक्कर कारखानों से शक्कर लेकर पीडीएस में वितरण किया जाएगा तो बेहतर रहेगा। फिलहाल शक्कर कारखnओं के पास 13 लाख क्विंटल शक्कर है। यह सरकार की जरुरत से ज्यादा है।
यह भी पढ़ें : आधी रात इमरान खान का राष्ट्र के नाम संबोधन, कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा
कैबिनेट ने अटल नगर विकास प्राधिकरण के नाम के सामने नवा रायपुर जोड़ने का भी फैसला लिया है। अब यह नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के नाम से जाना जाएगा। प्रदेश के अशासकीय स्कूलों की फीस के निर्धारण के लिए एक समिति बनाने का भी निर्णय लिया गया। यह समिति विसंगतियों का निरीक्षण कर उनको दूर करेगी।