रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की समाप्ति के बाद भूपेश कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हुई। बैठक विधानसभा भवन में ही आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान कैबिनेट ने जमीन रजिस्ट्री शुल्क में 30 प्रतिशत तक की कटौती किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। साथ ही बैठक में नगरीय निकाय क्षेत्रों में लोगों को स्थाई पट्टा देने का फैसला लिया है।
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संपूर्ण प्रदेश में स्थावर समंपत्ति बाजार मूल्य गाइडलाईन की दरों में 30 प्रतिशत की कमी की जाए तथा पंजीयन शुल्क 0.8 प्रतिशत से बढ़ाकर गाइडलाईन मूल्य का 4 प्रतिशत किया जाए। अब पंजीयन पर कुल कर 10.25 प्रतिशत हो जाएगा, लेकिन पक्षकारों द्वारा देय भुगतान पर नगण्य अंतर आयेगा। इससे दस्तावेजों के पंजीयन में वृद्धि होगी तथा राजस्व में भी वृद्धि होगी। इससे रियल एस्टेट एवं निर्माण क्षेत्र के विकास में तेजी आयेगी तथा किफायती दरों पर लोगों को मकान उपलब्ध होंगे। रियल एस्टेट एवं निर्माण क्षेत्र के विकास से रोजगार में भी वृद्धि होगी। ये प्रावधान 25 जुलाई से लागू होंगे।
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इससे पहले वित्त मंत्री और मुख्यमंत्री सीएम भूपेश बघेल ने सदन में वित्तीय वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक अनुमान के तहत अनुदान प्रस्तुत किया। विधानसभा द्वारा ध्वनि मत से 4341 करोड़ 52 लाख 31 हजार 510 रूपए की अनुपूरक राशि स्वीकृत की गई। उल्लेखनीय है कि इस वित्तीय वर्ष में मुख्य बजट का कुल प्रावधान 95 हजार 899 करोड़ 45 लाख रूपए था। प्रथम अनुपूरक सहित बजट का कुल आकार अब बढ़कर एक लाख 241 करोड़ रूपए हो गया है।
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