ग्वालियरः जिले के जयारोग्य हास्पीटल की एक महिला डाॅक्टर को गर्भवती महिलाओं के आबाॅर्सन कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि डप्टी कलेक्टर ने खुद मरीज बनकर अबाॅर्शन कराने पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने महिला डाॅक्टर को अबाॅर्शन कराते रंगे हाथों पकड़ा है। डाॅ प्रतिभा गर्ग गायनिक में एसोसियेट प्रोफेसर हैं और पति डॉ प्रवीण गर्ग प्रयास नर्सिंग होम के संचालक हैं। फिलहाल पुलिस ने आरोपी महिला डाॅक्टर को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है।
किन परिस्थितियों में कराया जा सकता है अबाॅर्शन
1. अगर गर्भ के कारण महिला की जान खतरे में हो, शारीरिक रूप से वह खतरे में हो या गर्भ में पल रहे बच्चे की विकलांगता का शिकार होने की आशंका हो तो अबॉर्शन कराया जा सकता है।
2. अगर महिला मानसिक या फिर शारीरिक तौर पर सक्षम न हो कि वह बच्चे को गर्भ में पाल सके तो भी अबॉर्शन कराया जा सकता है।
3. अगर महिला के साथ रेप हुआ हो और वह गर्भवती हो गई हो तो अबॉर्शन कराया जा सकता है।
4. महिला के साथ ऐसे रिश्तेदार ने संबंध बनाए हों जो वर्जित संबंध में आते हों और इस वजह से महिला गर्भवती हो गई हो तो भी उसका अबॉर्शन कराया जा सकता है।
4. महिला अगर बालिग हो तो अबॉर्शन के लिए उसकी सहमति जरूरी है।
5. बच्चे को कोई मानसिक समस्या हो या फिर शारीरिक विकृति हो तो ऑबर्शन कराया जा सकता है।
6. अबॉर्शन भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त डॉक्टर ही करवा सकते हैं।
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गर्भपात कराने पर हो सकती जेल
अगर किसी महिला की मर्जी के खिलाफ उसका गर्भपात कराया जाता है तो ऐसे में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। आईपीसी की धारा-312 के मुताबिक अगर औरत के बेनिफिट के लिए गर्भपात नहीं कराया गया हो तो ऐसे मामले में दोषियों के खिलाफ कानून में सख्त प्रावधान है। इस एक्ट के दायरे में वह महिला भी है जिसने बिना कारण गर्भपात कराया है। इस एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर अधिकतम 3 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है।
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