भोपाल। आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडे परोसे जाने की योजना विपक्ष की आपत्ति के बाद अब वित्त विभाग में आकर अटक गई है। अंडे से लिए अतिरिक्त 130 करोड़ रुपए देने का महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रस्ताव महीनेभर से वित्त विभाग में अटका है और वित्त विभाग ने अतिरिक्त राशि नहीं देने का इशारा भी कर दिया है।राशि के लिए वित्त विभाग की अनुमति नहीं मिलने से बजट में अंडे का प्रावधान करने की तैयारियां इस साल अधर में अटक गई हैं।
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आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडे परोसे जाने का प्रस्ताव फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है। बजट की कमी के चलते वित्त विभाग ने महिला बाल एवं विकास विभाग के इस प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं दी है। बच्चों का कुपोषण दूर करने के लिए आंगनबाड़ियों में बच्चों को सप्ताह में तीन दिन अंडा परोसे जाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने करीब 130 करोड़ की जरूरत बताई है। हालांकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि ये महत्वपूर्ण योजना है। इसे लागू करने के लिए सरकार प्रयास करेगी।
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वित्त विभाग के अडंगे के बाद फिलहाल मार्च में आने वाले बजट में प्रस्ताव लाने की तैयारियां अधर में अटक गई हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की इस प्रस्ताव की फाइल महीनेभर बाद भी वित्त विभाग में पेंडिंग है। दरअसल सरकार का पहला फोकस वचनपत्र के वचन पूरे करने पर है। सरकार का मानना है कि महिला एवं बाल विकास विभाग यदि अपने नियमित बजट से अंडे का प्रावधान कर सकते हैं तो इसमें किसी तरह की आपत्ति नहीं है। लेकिन फिलहाल सरकार अंडे के लिए अलग से बजट देने की स्थिति में नहीं हैं।
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इधर, बीजेपी निशाना साध रही है कि उसने अंडे परोसने का पहले से ही विरोध किया था। लेकिन सरकार ने सिर्फ दिखावा करने के लिए प्रस्ताव तैयार कराया था।
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आंगनबाड़ियों में अंडा परोसे जाने की योजना इसकी प्लानिंग के साथ से ही विवादों में है। विभाग ने जब अंडा परोसे जाने के प्लानिंग की शुरुआत की तो। बीजेपी ने इसका जमकर विरोध किया। हालांकि विपक्ष की आपत्ति के बाद विभाग ने अंडा स्वेच्छिक कर दिया। लेकिन अब वित्त विभाग से बजट नहीं मिलने से पूरी योजना ही खटाई में पड़ गई है।