रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्री परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सरकार ने राज्य के निर्माण कार्यों के ठेकों में एकीकृत पंजीयन व्यवस्था में संशोधन हुआ है। जिसके तहत अब तहत ‘ई‘ श्रेणी के मापदण्ड (i) एवं (iv) में संशोधन का निर्णय लिया गया । इसके अलावा भूपेश कैबिनेट ने कई और बड़े फैसले लिए हैं।
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1- राज्य शासन के सभी शासकीय विभागों के द्वारा राज्य के प्रदायकों से ही सामग्री क्रय का निर्णय लिया गया। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम, 2020 में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
2-छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के पुनर्गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
3-गोधन न्याय योजना के तहत उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय दर 8 रूपए प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 10 रूपए प्रति किलोग्राम करने के निर्णय का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुसमर्थन किया गया।
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4- दुर्ग जिला गृह निर्माण समिति राजनांदगांव (मोहन नगर) को आबंटित नजूल भूमि के पट्टा निष्पादन की अनुमति प्रदान की गई।
5-भारतीय स्टाम्प (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
6-छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम 2011 में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2020 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
7-छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितीकरण अधिनियम 2002 एवं छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण नियम, 2002 में संशोधन किए जाने हेतु मंत्रिपरिषद उप समिति का गठन कर प्रस्तावित संशोधनों में समिति की अनुशंसा प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।
8- नगर पालिक निगमों के स्वामित्व के खाली पड़े भवनों को सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर योजना के लिए उपयोग किए जाने हेतु छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के अंतर्गत छत्तीसगढ़ अचल संपत्ति अंतरण नियम 1994 के प्रावधानों में शिथिलीकरण का निर्णय लिया गया।
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9- छत्तीसगढ़ राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध (संशोधन) विधेयक 2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
10- द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2020-21 का विधानसभा में उपस्थापन बावत् छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
11- राज्य के जिला मुख्यालयों एवं प्रमुख शहरों में निर्मित जर्जर भवनों के रिडेव्हलपमेंट करने का निर्णय लिया गया। जिसमें रायपुर के शांति नगर के पुनर्विकास योजना को सैद्धांतिक सहमति दी गई।
12- छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल एवं रायपुर विकास प्राधिकरण को आबंटित शासकीय भूमि पर आवासीय एवं आवासीय/व्यवसायिक योजना में शामिल व्यवसायिक संपत्ति को फ्री -होल्ड करने की अनुमति निहित शर्तो पर दी जाए।
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13- छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण कार्यो के ठेकों में एकीकृत पंजीयन व्यवस्था के तहत ‘ई‘ श्रेणी के मापदण्ड (i) एवं (iv) में संशोधन का निर्णय लिया गया। जिसके तहत मापदण्ड (i) में अब सामान्य क्षेत्रों में स्नातक बेरोजगार युवाओं का पंजीयन होगा वहीं अनुसूचित क्षेत्रों में हायर सेकेण्डरी उत्तीर्ण बेरोजगार युवाओं का पंजीयन ई श्रेणी में किया जाएगा जबकि पूर्व में अनुसूचित क्षेत्रों में भी स्नातक उपाधिधारी बेरोजगार युवाओं का ई श्रेणी में पंजीयन किया जा रहा है।
इसी तरह मापदण्ड (iv) में अब ई श्रेणी पंजीयन एवं प्रतिस्पर्धा ब्लाॅक एवं नगर निगम सीमा तक सीमित रहेगी। पंजीयन ब्लाॅक स्तर पर होगा तथा संबंधित नगर निगम सीमा क्षेत्र को भी पंजीयन के लिए एक इकाई माना जाएगा जबकि पहले प्रावधान था कि स्नातधारी जिस ब्लाॅक के निवासी होंगे, वह उसी ब्लाॅक अंतर्गत के कार्यो के लिए प्रतिस्पर्धा में भाग ले सकेंगे।
14- छत्तीसगढ़ रोड एण्ड इंफ्रेस्ट्रक्चर डेव्हलमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा राज्य शासन से संप्रभु गारंटी प्राप्त कर बैंक/वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त करने एवं निर्माण कार्य संपादन की प्रक्रिया का अनुमोदन किया गया।
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15- संचालनालय रोजगार एवं प्रशिक्षण के अधीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में शेष 69 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की सेवा अवधि में भी वृद्धि/नवीनीकरण का निर्णय लिया गया। पूर्व में 235 संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों की संविदा सेवा में वृद्धि की गई है।
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