भोपाल: पहले उज्जैन फिर मुरैना और अब छतरपुर… शराब से जान जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। छतरपुर में 3 दिन में चार लोगों की जान जा चुकी है। पीड़ित परिवार मौत की वजह जहरीली शराब को बता रहे हैं, जबकि प्रशासन के मुताबिक पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ हो सकती है। वैसे इस पर सियासत भी शुरु हो चुकी हैं, कांग्रेस का आरोप है कि सरकार किसी माफिया को खत्म नहीं कर पाई है जबकि सरकार प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में चौकसी बढ़ाने की बात कह रही है।
तस्वीरें छतरपुर के सरकारी अस्पताल की है जहां शराब पीने से एक एक करके चार लोगों ने पिछले तीन दिन में दम तोड़ दिया। इनमें से एक ही परिवार के तीन लोग हरपालपुर के परेथा के रहने वाले थे। परेथा गांव यूपी की सीमा से सिर्फ डेढ़ किलोमीटर दूर है और मरने वालों के यहां से शराब की जो बोतलें मिली है वो यूपी की है। मृतकों के परिवारवालों का आरोप है कि गांव में पिछले काफी समय से अवैध शराब बिकती थी, जिसे पीने से ही ये चारों मौतें हुई है।
कलेक्टर साहब आप भले ही पीएम रिपोर्ट और विसरा जांच की बात कह रहे हो लेकिन पीड़ित परिवारों का दर्द सिर्फ इतना ही नहीं, वो प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को कुछ मुद्दों पर कटघरे में खड़ा कर रहे है। इन लोगों के मुताबिक उन्हें शव ले जाने के लिए एंबुलेंस तो मिली ही नहीं बल्कि पोस्टमार्टम करवाने के लिए भी 300-300 रुपए देना पड़।
अभी तक आपने जो देखा वो छतरपुर का घटनाक्रम है लेकिन सियासत पूरे सूबे में हो रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुबह ट्वीट किया कि उज्जैन में ज़हरीली शराब से 14 लोगों की, मुरैना में 25 लोगों की मृत्यु के बाद अब छतरपुर में शराब से 4 लोगों की दुखद मौत ? शिवराज जी, ये शराब माफिया कब तक यूँ ही लोगों की जान लेते रहेंगे ? आख़िर “ ये माफिया कब गड़ेंगे, कब टगेंगे, कब लटकेंगे, आपका बदला हुआ मूड कब इन माफ़ियाओ को दिखेगा ? रेत माफिया, भू माफिया, वन माफिया,शराब माफिया सब तरह के माफिया आपकी सरकार आते ही वापस बेख़ौफ़, रोज़ सरकार को दे रहे है खुली चुनौती ? आपके सारे दावे जुमले साबित हो रहे है। हमने 15 माह में ही प्रदेश को माफियामुक्त व भयमुक्त बनाने की दिशा में ठोस काम किया था, लेकिन आपकी सरकार में प्रदेश वापस माफिया युक्त बनता जा रहा है। कमलनाथ के ट्वीट के बाद सरकार की तरफ से साफ कहा गया कि ये मौतें जहरीली शराब से हुई है कहना जल्दबाजी है, लेकिन प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों पर चौकसी कड़ी की जाएगी।
दरअसल ग्वालियर चंबल में राजस्थान और बुंदेलखंड में यूपी से अवैध शराब सप्लाई की जाती है, लेकिन हालात तब बिगड़ते हैं जब ज्यादा कमाने के चक्कर में शराब माफिया केमिकल का इस्तेमाल करके जहरीली शराब की सप्लाई करने लगते हैं।