ग्वालियर । गजराराजा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में वायरोलॉजी लैब तो दो सप्ताह पहले शुरू हो गई, लेकिन साइंटिस्ट की नियुक्ति अब जाकर हो सकी है। अब तक 500 से अधिक जांच लैब में हो चुकी हैं। मेडिकल कॉलेज ने चार साइंटिस्ट को तीन माह के लिए नियुक्ति दी है। जिससे वायरोलॉजी लैब में टेस्ट का काम अधिक जल्दी हो सके।
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दरअसल वायरोलॉजी लैब में साइंटिस्ट की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है। इनका काम डॉक्टर के साथ टेस्ट में मदद करना ओर रिपोर्ट तैयार करने का होता है। कोरोना का खतरा जब गहराया तो आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब में रखी आरटीपीसीआर मशीन को शुरू कर दिया गया। इसमें प्रिंसीपल इंस्ट्रक्टर डॉ. वैभव मिश्रा काम संभाल रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि कई वरिष्ठ डॉक्टर होते हुए भी यहां पर डेमोस्ट्रेटर को कोपीसीआई बनाया गया है। जिससे विभाग के कई डॉक्टर खासे नाराज हैं।
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उधर बिना साइंटिस्ट के ही अब तक वायरोलॉजी लैब में जांच की जा रही थी। जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एसएन अयंगर ने चार साइंटिस्ट को तीन माह के लिए नियुक्ति पर रखे जाने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिसमें एमएसई सुबरा सिंह, ज्योति जैन, रंजना यादव एवं शिल्पी शामिल हैं। वहीं जीवाजी विश्वविद्यालय ने भी एक साइंटिस्ट को जीआर मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देने के लिए भेजा है। जिससे कोरोना की जांच में मेडिकल कॉलेज को मदद मिल सके ।