रायपुर। राजधानी के एनआईटी के तीन छात्रों ने मक्के के आटे से प्लास्टिक का इजाद किया है। छात्रों के इस अविष्कार की सराहना की जा रही है। मक्के से बने प्लास्टिक की खासियत है कि ये सौ फीसदी नष्ट होने वाला है।
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मक्के से बना प्लास्टिक एक साल में पूरी तरह नष्ट हो जाएगा। इसे बनाने में तीन महीने लगे इसके बाद लैब में इसका परीक्षण किया गया। लैब टेस्ट सफल रहा। छात्रों ने बताया कि इसे रिसाइकिल कर दोबारा प्रयोग में लाया जा सकेगा। इसकी लागत भी मौजूदा प्लास्टिक से बेहद कम है।
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देश के साथ प्रदेश में प्लास्टिक बैन पर छात्रों का अविष्कार कारगार साबित हो सकता है। छात्रों का नाम निखिल वर्मा, कृष्णेंदु और निहाल पांडे ने इस प्लास्टिक को मक्के के आटे (स्टार्च) में ग्लसरीन और बेलेगर को मिलाकर बनाया है।
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यानी कि इसे अगर बाहर फेंक भी दें तो इससे न तो पर्यावरण को नुकसान होगा और न जानवरों को।