18+ वैक्सीनेशन...टीका सबके लिए! जब केंद्र सरकार राज्य को पर्याप्त टीका उपलब्ध ही नहीं करा रही है, तो फिर अभियान कैसे पूरा होगा? | 18+ Vaccination… Vaccine for everyone! When the central government is not providing enough vaccines to the state, then how will the campaign be completed?

18+ वैक्सीनेशन…टीका सबके लिए! जब केंद्र सरकार राज्य को पर्याप्त टीका उपलब्ध ही नहीं करा रही है, तो फिर अभियान कैसे पूरा होगा?

18+ वैक्सीनेशन...टीका सबके लिए! जब केंद्र सरकार राज्य को पर्याप्त टीका उपलब्ध ही नहीं करा रही है, तो फिर अभियान कैसे पूरा होगा?

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:05 PM IST
,
Published Date: May 7, 2021 5:21 pm IST

रायपुर: 18 प्लस के वैक्सीनेशन पर लगी रोक और आरक्षण के मुद्दे पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा कि राज्य सरकार वैक्सीनेशन पर रोक नहीं लगा सकती और एक तिहाई के हिसाब से सभी वर्ग को समान रूप से टीका लगे। कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने फिर से वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने का फैसला किया। हालांकि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर फिर सवाल उठाया, जिसपर सत्ता पक्ष ने दलील दी कि अंत्योदय कार्ड धारकों को पहले वैक्सीनेशन कराने का निर्णय सद्भावना से लिया गया था। फिलहाल सरकार ने फिर से मिशन वैक्सीनेशन शुरू करने का फैसला लिया है। लेकिन सवाल है कि जब केंद्र सरकार राज्य को पर्याप्त मात्रा में टीका उपलब्ध ही नहीं करा रही है तो फिर राज्य सरकार अपना अभियान कैसे पूरा करेगी?

Read More: बल्दी बाई के निधन पर राहुल गांधी ने जताया शोक, पूर्व PM राजीव गांधी को अपने हाथों से खिलाया था कंदमूल

जी हां छत्तीसगढ़ में 18 प्लस के वैक्सीनेशन पर लगी रोक पर हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार वैक्सीनेशन पर रोक नहीं लगा सकती। हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार कोई बहानेबाजी नहीं करे और वैक्सीनेशन अभियान में एक तिहाई अंत्योदय, एक तिहाई बीपीएल और एक तिहाई एपीएल कार्ड धारकों को शामिल करे।

Read More: छत्तीसगढ़ के इस जिले में शादी समारोह पर लगा प्रतिबंध, कल से नहीं बजेगी शहनाई

दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने 30 अप्रैल को आदेश जारी कर एक मई से 18+ के लिए नि:शुल्क टीकाकरण अभियान की घोषणा की थी। इसमें सबसे पहले अंत्योदय राशन कार्डधारकों को प्राथमिकता देने की बात कही थी। वैक्सीनेशन में आरक्षण के खिलाफ अमित जोगी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दर्ज की, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि बीमारी अमीरी-गरीब देखकर नहीं आती। लिहाजा वैक्सीनेशन में आरक्षण नहीं हो सकता। हाईकोर्ट की आपत्ति के बाद राज्य सरकार ने 18 प्लस के वैक्सीनेशन को स्थगित कर दिया था। इसी फैसले पर हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा स्थिति में वैक्सीनेशन को कैसे बंद किया जा सकता है, राज्य सरकार तुरंत इसे शुरू करे। हाईकोर्ट के आदेश पर विपक्ष ने जहां सरकार को घेरा, तो वहीं सत्ता पक्ष की अपनी दलील है। बहरहाल वैक्सीन को लेकर छ्त्तीसगढ़ में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच अब धरना-प्रदर्शन की सियासत भी जारी है।

Read More: छत्तीसगढ़ में कोरोना से मौत का आंकड़ा 10 हजार के पार, आज 13 हजार 628 नए संक्रमितों की पुष्टि

18 से 45 आयुवर्ग के वैक्सीनेशन स्थगित किए जाने पर भारतीय युवा मोर्चा ने शुक्रवार को ब्लैक डे मनाया। भाजयुमो कार्यकर्ताओँ ने अपनी मांगों से संबंधित तख्तियों को काले गुब्बारों के साथ आकाश में उड़ाया, तो वहीं अपने-अपने फेसबुक और वाट्सअप में काली डीपी लगा कर विरोध जताया। वहीं, दूसरी ओर NSUI कार्यकर्ता “मोदी टीका दो” अभियान के तहत बीजेपी नेताओं के घर पर पहुंचे। जाहिर है कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ को वैक्सीन ही नहीं देने का आरोप लगाती रही है। कुल मिलाकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद 18 से 45 साल की उम्र के लोगों को जरूर राहत मिली होगी। जो वैक्सीन लगवाने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, राहत भरी एक और खबर ये भी है कि राज्य सरकार ने 75 लाख वैक्सीन का पेमेंट किया है।

Read More: भाजपा के पांच मंडल अध्यक्ष हुए निलंबित, पूर्व मंत्री जयंत मलैया को कारण बताओ नोटिस